नई दिल्ली:- दिल्ली हाई कोर्ट ने बॉलिवुड के हास्य कलाकार राजपाल यादव को 15 जुलाई तक तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण करने को कहा है | राजपाल को छह दिन की सजा काटने का निर्देश दिया है | राजपाल को यह सजा झूठा हलफनामा दायर करने के लिए 2013 में दी गई थी | जिसके बाद राजपाल ने जेल में तीन से चार दिन काटे थे | हाई कोर्ट ने उनकी अपील के बाद सजा को निलंबित कर दिया था | न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट और न्यायमूर्ति दीपा शर्मा की पीठ ने दिसंबर 2013 में बरकरार रखी और कहा कि प्रक्रिया का पालन करने में यादव की नाकामी को स्वीकारा नहीं जा सकता |
झूठा हलफनामा दायर करने से फसे थे राजपाल--
- उनको अपने आचरण के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए पर्याप्त समय दिए जाने के बावजूद वह झूठ पर कायम रहे |
- कोर्ट ने कहा कि इस मामले का लंबा इतिहास बताता है कि बार-बार शपथपत्र का उल्लंघन हुआ है |
- जब यह पूछने के लिए उन्हें बुलाया गया कि कार्रवाई क्यों नहीं की जाए, तो अपीलकर्ता और उनकी पत्नी ने झूठे एवं टालने वाले जवाब दिए जिसमें झूठे हलफनामे को सही ठहराया गया |
- राजपाल यादव के खिलाफ अवमानना कार्रवाई एक कारोबारी की याचिका पर की गई थी |
- यादव और उनकी पत्नी के खिलाफ दायर वसूली वाद में कोर्ट को गुमराह करने पर शुरु की गई थी |
- सिंगल जज की पीठ ने यादव द्वारा दो दिसंबर 2013 को दायर हलफनामे पर आपत्ति जताई थी |
- इसमें उनकी पत्नी के जाली हस्ताक्षर थे |दिल्ली के कारोबारी एमजी अग्रवाल ने पांच करोड़ रुपये के कर्ज के भुगतान में नाकाम रहने पर ऐक्टर और उनकी पत्नी के खिलाफ वसूली वाद दायर किया था |
- राजपाल यादव ने वर्ष 2010 में निर्देशक के रूप में अपनी पहली फिल्म बनाने के लिए कर्ज लिया था |
4th June, 2016