यूरिड मीडिया डेस्क-- भारत में बंदरों को हनुमान जी का स्वरूप माना जाता है, बंदरों की लोग पूजा भी करते हैं, और इसी वजह से बंदरों को मारना पाप माना जाता है| लेकिन बंदरों की शैतानी भी बहुत मशहूर होती हैं| कि कैसे बंदर लोगों का सामान छीन कर भाग जाते हैं, लेकिन यहाँ पर माजरा बिलकुल पेचीदा है। अभी तक तो बंदर फिर्फ खाने पीने के सामान पर ही अपना हांथ साफ करते थे लेकिन अब तो बंदर पैसों पर भी हांथ साफ करने लगी। गुंटूर में एक ज्वेलरी शॉप के मालिक औऱ कर्मचारी खासे परेशान हैं, उनकी परेशानी की वजह है एक बंदर जी हाँ, आंध्र प्रदेश के गुंटूर में शोरूम मालिक और दर्जनभर लोगों के बीच से एक बंदर ने गल्ले से पूरे 10 हजार रुपये उड़ा लिए।
कैसे उड़ाए पैसे--
- जब कर्मचारी काम में व्यस्त थे, तब एक बंदर अचानक दुकान में घुस गया|
- फिर उस बंदर ने दुकान में गल्ले से नोटों की गड्डी उड़ा ली|
- बंदर सबके सामने दुकान में घुसा था|
केंद्र ने हिमाचल प्रदेश के 10 जिलों में बंदरों को अपराधी घोषित कर दिया है और इसका मतलब यह है, कि अगर बंदरो नें इंसानों पर हमला किया या फिर फसलों को नुकसान पहुंचाया, तो उन्हें जान से मारा जा सकता है|
बंदरों का आतंक--
- बंदरों का आतंक सिर्फ गुंटूर तक ही सीमित नहीं है बल्कि गोंडाजिले की तरबगंज तहसील के गांव सालपुर पाठक में भी 12 सालों से बंदरों की सल्तनत चली आ रही है।
- उनके आंतक से त्रस्त पूरा गांव राष्ट्रपति से लेकर मुख्यमंत्री और मुख्य वन संरक्षक व डीएम तक से गुहार लगा चुका है।
- यहां बंदरों का इतना आंतक है कि गांव वाले छोटे बच्चों को घर के बाहर खेलने तक नहीं देते हैं।
- गेहूं की खेती हो या धान और गन्ने की फसलें, कटने से पहले ही बंदरों का निवाला बन जाती हैं।
- फूस के घरों में रहने वालों के लिए बंदर किसी दहशत से कम नहीं हैं।
बंदरों का गिरोह दर्जनों लोगों के फूस के झोपड़े उजाड़ चुका है। गांव के पारसनाथ तिवारी कहते हैं कि गांव के नजदीक जितने भी खेत हैं, उसमें बोने के बाद काटने की नौबत नहीं आती है। वेदप्रकाश तिवारी बताते हैं कि हमारे घरों को बन्दरों ने उजाड़ दिया है। किसी तरह जीवन बसर कर रहे हैं। सूर्यप्रकाश की माताजी कहती हैं कि मजाल नही अपना कपड़ा कोई धूप में सूखा ले। फंटू तिवारी बताते हैं कि इन बंदरों की वजह से आसपास की जमीन बजंर सी हो गयी हैं। 12 साल पहले इतने बंदर इस गांव में नहीं थे। देखते ही देखते इनकी फौज सी खड़ी हो गई है।
5th June, 2016