लखनऊ
:-
यूपी पुलिस की हम नाकामी तो पहले से ही देखते आ रहे है लेकिन यूपी पुलिस ने अपनी खाकी वर्दी का भी शर्मनाक चेहरा सामने लाकर रख दिया है। लखनऊ में कल विधानसभा के सामने कानपुर की चार लड़कियों ने आत्मदाह करने की कोशिश की चारों लड़कियों ने पुलिस पर 25 फर्जी अपराधिक मामलो को दर्ज करने का आरोप लगाया है। पीड़ित लड़कियों का कहना है उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है, जिसकी वजह से वह आत्महत्या करने जा रही है।
पीड़ित लड़कियों का कहना है कि उनके बूढ़े माता-पिता गम में मरने के कगार पर पहुंच गए हैं, इसलिए उन्होंने अपनी जान देने की सोची और राजधानी आ पहुंचीं। वे आत्मदाह की कोशिश कर रही थीं, लेकिन उन लोगो को बचा लिया गया।
क्या था पूरा मामला--
- पीड़िताओं ने बताया कि वे कानपुर बर्रा-8 में रहने वाले सुमित अवस्थी की बहनें हैं।
- पीड़िताओं का कहना है कि कानपुर नगर स्थित बायोमास रिसर्च एंड टेक्निकल सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के नाम से उनके भाई ने मुर्गी पालन के लिए जो दाना (सप्लीमेंट) दिया जाता है, उसकी कंपनी खोली थी।
- इसी कंपनी में उनका भाई पहले एजेंट था।
- इस नाम से कृष्णा टावर सिविल लाइन में अजय कुमार की कंपनी है।
- कंपनी माल की ट्रेडिंग कर मुर्गी का दाना व्यापारियों को सप्लाई करती है।
- इस काम में लागत निकालकर दस गुना बचत होती है।
- अरोप है कि व्यापारिक रंजिश के चलते अजय ने अपने गुर्गों के साथ 24 नवंबर, 2014 को उनके घर पर धावा बोलकर उनके पिता से चार लाख का चेक लेकर अपहरण कर लिया था।
- पीड़िता ने बताया कि इसके बाद से अजय ने धनबल के दम पर सुमित के खिलाफ 18 अपराधिक मुकदमें दर्ज करवा दिए। आरोप है कि दबंगो ने उनकी बहनों, भाई और माता-पिता समेत रिश्तेदारों पर भी दर्जनों मुकदमे दर्ज कर दिए।
पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही
--
- इस बारे में सभी पीडिता एडीजी कानून एवं व्यवस्था दलजीत चौधरी से भी मिलीं।
- उन्होंने कानपुर के पुलिस अधीक्षक को फोन कर मामले की जांच करने को कहा, लेकिन पुलिस अधिकारी जांच करने के बजाय लड़कियों को जेल भेजने पर तुले हैं।
- पीड़ित लड़कियां शनिवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे विधानसभा के सामने पहुंचीं और जान देने की कोशिश की। पीड़िताओं ने मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई है।
- पीड़िताओं ने बताया पहले तो पुलिस ने जांच की तब मुकदमे नहीं लिखे गए थे।
- लेकिन दबंगों ने ज्यादातर मुकदमें न्यायालय से लिखवाए हैं।
- पीड़िताओं के भाइयों को पुलिस ने जेल में डाल रखा है। दबंग अब जान से मारने की धमकी दे रहे हैं।
लखनऊ
:-
यूपी पुलिस की हम नाकामी तो पहले से ही देखते आ रहे है लेकिन यूपी पुलिस ने अपनी खाकी वर्दी का भी शर्मनाक चेहरा सामने लाकर रख दिया है। लखनऊ में कल विधानसभा के सामने कानपुर की चार लड़कियों ने आत्मदाह करने की कोशिश की चारों लड़कियों ने पुलिस पर 25 फर्जी अपराधिक मामलो को दर्ज करने का आरोप लगाया है। पीड़ित लड़कियों का कहना है उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है, जिसकी वजह से वह आत्महत्या करने जा रही है।
:-
यूपी पुलिस की हम नाकामी तो पहले से ही देखते आ रहे है लेकिन यूपी पुलिस ने अपनी खाकी वर्दी का भी शर्मनाक चेहरा सामने लाकर रख दिया है। लखनऊ में कल विधानसभा के सामने कानपुर की चार लड़कियों ने आत्मदाह करने की कोशिश की चारों लड़कियों ने पुलिस पर 25 फर्जी अपराधिक मामलो को दर्ज करने का आरोप लगाया है। पीड़ित लड़कियों का कहना है उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है, जिसकी वजह से वह आत्महत्या करने जा रही है।
पीड़ित लड़कियों का कहना है कि उनके बूढ़े माता-पिता गम में मरने के कगार पर पहुंच गए हैं, इसलिए उन्होंने अपनी जान देने की सोची और राजधानी आ पहुंचीं। वे आत्मदाह की कोशिश कर रही थीं, लेकिन उन लोगो को बचा लिया गया।
क्या था पूरा मामला--
- पीड़िताओं ने बताया कि वे कानपुर बर्रा-8 में रहने वाले सुमित अवस्थी की बहनें हैं।
- पीड़िताओं का कहना है कि कानपुर नगर स्थित बायोमास रिसर्च एंड टेक्निकल सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के नाम से उनके भाई ने मुर्गी पालन के लिए जो दाना (सप्लीमेंट) दिया जाता है, उसकी कंपनी खोली थी।
- इसी कंपनी में उनका भाई पहले एजेंट था।
- इस नाम से कृष्णा टावर सिविल लाइन में अजय कुमार की कंपनी है।
- कंपनी माल की ट्रेडिंग कर मुर्गी का दाना व्यापारियों को सप्लाई करती है।
- इस काम में लागत निकालकर दस गुना बचत होती है।
- अरोप है कि व्यापारिक रंजिश के चलते अजय ने अपने गुर्गों के साथ 24 नवंबर, 2014 को उनके घर पर धावा बोलकर उनके पिता से चार लाख का चेक लेकर अपहरण कर लिया था।
- पीड़िता ने बताया कि इसके बाद से अजय ने धनबल के दम पर सुमित के खिलाफ 18 अपराधिक मुकदमें दर्ज करवा दिए। आरोप है कि दबंगो ने उनकी बहनों, भाई और माता-पिता समेत रिश्तेदारों पर भी दर्जनों मुकदमे दर्ज कर दिए।
पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही
--
--
- इस बारे में सभी पीडिता एडीजी कानून एवं व्यवस्था दलजीत चौधरी से भी मिलीं।
- उन्होंने कानपुर के पुलिस अधीक्षक को फोन कर मामले की जांच करने को कहा, लेकिन पुलिस अधिकारी जांच करने के बजाय लड़कियों को जेल भेजने पर तुले हैं।
- पीड़ित लड़कियां शनिवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे विधानसभा के सामने पहुंचीं और जान देने की कोशिश की। पीड़िताओं ने मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगाई है।
- पीड़िताओं ने बताया पहले तो पुलिस ने जांच की तब मुकदमे नहीं लिखे गए थे।
- लेकिन दबंगों ने ज्यादातर मुकदमें न्यायालय से लिखवाए हैं।
- पीड़िताओं के भाइयों को पुलिस ने जेल में डाल रखा है। दबंग अब जान से मारने की धमकी दे रहे हैं।
23rd December, 2016