यूरिड मीडिया डेस्क
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संडे हो या मंडे रोज खाएं अंडे लेकिन सवाल ये है की कहीं आप नकली अंडे तो नही खा रहें जी हाँ आपको बता दें की चीन वह देश है जहां नकली अंडे बनाने का कारोबार बहुत तेजी से बढ़ता जा रहा है। इलैक्ट्रॉनिक्स में सस्ते किंतु बहुत जल्दी खराब होने वाले सामानों को बनाने और दूसरे देशों में निर्यात करने वाले चीन में भारी मात्रा में नकली अंडे बनाये जाते हैं।
ऐसे बनते हैं नकली अंडे
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- बाहरी सफेद आवरण: जिप्सम के चूर्ण, कैल्सियम कार्बोनेट और तेल युक्त मोम की सहायता से अंडों के बाहरी सफेद आवरण को तैयार किया जाता है।
- अंदरूनी भाग: अंडे के अंदर का हिस्सा पीले रंग का होता है जिसे योक के नाम से जाना जाता है. इस हिस्से को बनाने के लिये जिलेटिन, सोडियम एल्गिनाइट, एल्यूम और कैल्सियम की जरूरत होती है। कैल्सियम की मात्रा उतनी ही होती है जितना एक मनुष्य खा सकता है।
- रंगों का प्रयोग: खा सकने योग्य रंगों के प्रयोग से इसे ठीक वैसी ही शक्ल दी जाती है जैसी असली अंडों की होती है।
- अंडे बनाने की प्रक्रिया
- गुनगुने पानी में उचित मात्रा में सोडियम एल्गिनाइट मिलाया जाता है. उसके बाद जिलेटिन, बेंजोइक अम्ल, एल्यूम और कुछ दूसरे रसायनों केसाथ मिलाकर अंडे का सफेद हिस्सा तैयार किया जाता है। अब तक तैयार किये गये मिश्रण में नींबू का रंग मिला दिया जाता है। उसके बाद इस मिश्रण में कैल्सियम क्लोराइड डाल कर उसे अंडों के आकार में ढ़ाल दिया जाता है।
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संडे हो या मंडे रोज खाएं अंडे लेकिन सवाल ये है की कहीं आप नकली अंडे तो नही खा रहें जी हाँ आपको बता दें की चीन वह देश है जहां नकली अंडे बनाने का कारोबार बहुत तेजी से बढ़ता जा रहा है। इलैक्ट्रॉनिक्स में सस्ते किंतु बहुत जल्दी खराब होने वाले सामानों को बनाने और दूसरे देशों में निर्यात करने वाले चीन में भारी मात्रा में नकली अंडे बनाये जाते हैं।
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12th July, 2016