यूरिड मीडिया डेस्क:-
इन दिनों भारत में सेक्स कॉमेडी फिल्में काफी पसंद की जा रही हैं। बॉलीवुड में ‘क्या कूल हैं हम ’,‘मस्तीजादे’ और ‘मस्ती’ जैसी कई सेक्स कॉमेडी फिल्में आ चुकी हैं। आज निर्देशक इन्द्र कुमार के निर्देशन में बनी सेक्स कॉमेडी फिल्म ‘ग्रेट ग्रैंड मस्ती’ रिलीज़ हुईं है। बता दें, ये फिल्म 2004 में आई फिल्म ‘मस्ती’ की तीसरी कड़ी है। हालांकि इस फिल्म के पहले के 2 पार्टों के मुक़ाबले दर्शकों द्वारा इस पार्ट को ज़्यादा पसंद नहीं किया गया है। दर्शकों के मायूस चेहरे साफ दर्शाते हैं कि इस फिल्म में कुछ खास दम नहीं है।
फीकी मस्ती--
- इंद्र कुमार की फिल्म ‘मस्ती’ 2004 में आई थी।
- सेक्स कॉमेडी के तौर पर आई इस फिल्म की अधिक सराहना नहीं हुई थी।
- अब 2016 में ‘मस्ती’ के क्रम में तीसरी फिल्म ‘ग्रेट ग्रैंड मस्ती’ देखने के बाद ऐसा लग सकता है कि ‘मस्ती’ तो फिर भी ठीक फिल्म थी।
- अच्छा है कि यह ग्रेट है, अब इसके आगे ‘मस्ती’ की संभावना खत्म हो जानी चाहिए।
- ‘ग्रेट ग्रैंड मस्ती’ में सेक्स, कॉमेडी और हॉरर को मिलाने की नाकाम कोशिश है।
- यह फिल्म नाम के अनुसार न तो मस्ती देती है और न ही हंसाती या डराती है।
- फिल्म में वियाग्रा, सेक्स प्रसंग, स्त्री-पुरुष संबंध, कामातुर लालसाओं के रूपक हैं, लेकिन इन सबके बावजूद फिल्म वितृष्णा से भर देती है।
ग्रेट ग्रैंड मस्ती के बारे में--
- ‘ग्रेट ग्रैंड मस्ती’ में रागिनी एक भूत का किरदार निभा रही हैं, 20 साल की उम्र में उसका देहांत हो गया था, लेकिन देह की इच्छाएं अधूरी रह गई थीं।
- पिछले पचास सालों से उसका भूत पुरानी हवेली में देह की भूख मिटाने के इंतजार में है।
- उस हवेली में संयोग से मीत, अमर और प्रेम आ जाते हैं। तीनों शादीशुदा हैं, लेकिन उनके दांपत्य में किसी न किसी कारण से सेक्स नहीं है।
- तीनों एडवेंचर के लिए निकलते हैं और हवेली में फंस जाते हैं।
- इस फिल्म में एक अंताक्षरी बाबा, एक सास, एक साली और एक साला भी है।
अभिनेत्रियों के चयन में गड़बड़ी--
- 'ग्रेट ग्रैंड मस्ती' में आफताब शिवदासानी की चौंक और चीख खीझ पैदा करती है।
- रितेश देशमुख ऐसी फिल्मों में उस्ताद हो गए हैं, लेकिन इस फिल्म में उनकी प्रतिभा और संभावना भी चूकमी नजर आती है।
- विवेक ओबेराय ऐसी फिल्मों के किरदारों में अपना निकृष्ट सामने ला रहे हैं।
- फिल्मो के महिला चरित्रों के लिए उपयुक्त चयन अभिनेत्रियों के चयन में ही गड़बड़ी दिखती है।
- वे फिल्म की थीम की जरूरतें पूरी नहीं करतीं। उर्वशी रौतेला में कमियां हैं।
- संजय मिश्रा सीमित दृश्यों में ही अपने किरदार को निभा ले जाते हैं।
टीम--
- मुख्य कलाकार- रितेश देशमुख, विवेक ओबेराय, आफताब शिवदासानी, उवर्शी रौतेला।
- निर्देशक- इन्द्र कुमार
- संगीत निर्देशक- संजीव दर्शन और शारिब और तोषी।
- स्टार- एक स्टार
- अवधि- 133 मिनट
यूरिड मीडिया डेस्क:-
इन दिनों भारत में सेक्स कॉमेडी फिल्में काफी पसंद की जा रही हैं। बॉलीवुड में ‘क्या कूल हैं हम ’,‘मस्तीजादे’ और ‘मस्ती’ जैसी कई सेक्स कॉमेडी फिल्में आ चुकी हैं। आज निर्देशक इन्द्र कुमार के निर्देशन में बनी सेक्स कॉमेडी फिल्म ‘ग्रेट ग्रैंड मस्ती’ रिलीज़ हुईं है। बता दें, ये फिल्म 2004 में आई फिल्म ‘मस्ती’ की तीसरी कड़ी है। हालांकि इस फिल्म के पहले के 2 पार्टों के मुक़ाबले दर्शकों द्वारा इस पार्ट को ज़्यादा पसंद नहीं किया गया है। दर्शकों के मायूस चेहरे साफ दर्शाते हैं कि इस फिल्म में कुछ खास दम नहीं है।
इन दिनों भारत में सेक्स कॉमेडी फिल्में काफी पसंद की जा रही हैं। बॉलीवुड में ‘क्या कूल हैं हम ’,‘मस्तीजादे’ और ‘मस्ती’ जैसी कई सेक्स कॉमेडी फिल्में आ चुकी हैं। आज निर्देशक इन्द्र कुमार के निर्देशन में बनी सेक्स कॉमेडी फिल्म ‘ग्रेट ग्रैंड मस्ती’ रिलीज़ हुईं है। बता दें, ये फिल्म 2004 में आई फिल्म ‘मस्ती’ की तीसरी कड़ी है। हालांकि इस फिल्म के पहले के 2 पार्टों के मुक़ाबले दर्शकों द्वारा इस पार्ट को ज़्यादा पसंद नहीं किया गया है। दर्शकों के मायूस चेहरे साफ दर्शाते हैं कि इस फिल्म में कुछ खास दम नहीं है।
फीकी मस्ती--
- इंद्र कुमार की फिल्म ‘मस्ती’ 2004 में आई थी।
- सेक्स कॉमेडी के तौर पर आई इस फिल्म की अधिक सराहना नहीं हुई थी।
- अब 2016 में ‘मस्ती’ के क्रम में तीसरी फिल्म ‘ग्रेट ग्रैंड मस्ती’ देखने के बाद ऐसा लग सकता है कि ‘मस्ती’ तो फिर भी ठीक फिल्म थी।
- अच्छा है कि यह ग्रेट है, अब इसके आगे ‘मस्ती’ की संभावना खत्म हो जानी चाहिए।
- ‘ग्रेट ग्रैंड मस्ती’ में सेक्स, कॉमेडी और हॉरर को मिलाने की नाकाम कोशिश है।
- यह फिल्म नाम के अनुसार न तो मस्ती देती है और न ही हंसाती या डराती है।
- फिल्म में वियाग्रा, सेक्स प्रसंग, स्त्री-पुरुष संबंध, कामातुर लालसाओं के रूपक हैं, लेकिन इन सबके बावजूद फिल्म वितृष्णा से भर देती है।
ग्रेट ग्रैंड मस्ती के बारे में--
- ‘ग्रेट ग्रैंड मस्ती’ में रागिनी एक भूत का किरदार निभा रही हैं, 20 साल की उम्र में उसका देहांत हो गया था, लेकिन देह की इच्छाएं अधूरी रह गई थीं।
- पिछले पचास सालों से उसका भूत पुरानी हवेली में देह की भूख मिटाने के इंतजार में है।
- उस हवेली में संयोग से मीत, अमर और प्रेम आ जाते हैं। तीनों शादीशुदा हैं, लेकिन उनके दांपत्य में किसी न किसी कारण से सेक्स नहीं है।
- तीनों एडवेंचर के लिए निकलते हैं और हवेली में फंस जाते हैं।
- इस फिल्म में एक अंताक्षरी बाबा, एक सास, एक साली और एक साला भी है।
अभिनेत्रियों के चयन में गड़बड़ी--
- 'ग्रेट ग्रैंड मस्ती' में आफताब शिवदासानी की चौंक और चीख खीझ पैदा करती है।
- रितेश देशमुख ऐसी फिल्मों में उस्ताद हो गए हैं, लेकिन इस फिल्म में उनकी प्रतिभा और संभावना भी चूकमी नजर आती है।
- विवेक ओबेराय ऐसी फिल्मों के किरदारों में अपना निकृष्ट सामने ला रहे हैं।
- फिल्मो के महिला चरित्रों के लिए उपयुक्त चयन अभिनेत्रियों के चयन में ही गड़बड़ी दिखती है।
- वे फिल्म की थीम की जरूरतें पूरी नहीं करतीं। उर्वशी रौतेला में कमियां हैं।
- संजय मिश्रा सीमित दृश्यों में ही अपने किरदार को निभा ले जाते हैं।
टीम--
- मुख्य कलाकार- रितेश देशमुख, विवेक ओबेराय, आफताब शिवदासानी, उवर्शी रौतेला।
- निर्देशक- इन्द्र कुमार
- संगीत निर्देशक- संजीव दर्शन और शारिब और तोषी।
- स्टार- एक स्टार
- अवधि- 133 मिनट
15th July, 2016