यूरिड मीडिया स्पोर्ट्स डेस्क-
जहां भारत के कई स्टार खिलाड़ियों ने ओलंपिक में अभी तक खराब शुरूआत की है वहीं 52 वर्षो के बाद ओलम्पिक खेलों की जिम्नास्टिक स्पर्धा में पहली भारतीय महिला एथलीट के तौर पर प्रवेश करने वाली दीपा करमाकर ने जिम्नास्टिक के फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया है। ओलम्पिक खेलों की जिम्नास्टिक स्पर्धा में पहली भारतीय महिला एथलीट के तौर पर प्रवेश करने वाली महज 22 साल की दीपा अब 14 अगस्त को इंडिया के लिए मेडल जीतने वाली पहली इंडियन भी बन सकती हैं। जीवन में तमाम संघर्षों और आर्थिक तंगी का सामना करने के बाद दीपा करमाकर इतिहास रचने से मात्र एक क़दम दूर हैं ।
- दीपा करमाकर ने जब पहली बार किसी जिमनास्टिक प्रतियोगिता में हिस्सा लिया तब उनके पास जूते भी नहीं थे. प्रतियोगिता के लिए कॉस्ट्यूम भी उन्होंने किसी से उधार मांगा था जो उन पर पूरी तरह से फ़िट भी नहीं हो रहा था ।
- रियो ओलंपिक में जिमनास्टिक के फ़ाइनल में वो पहुंच चुकी हैं और उनके पास अब मौक़ा है जिमनास्टिक में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनने का ।
- भारत जैसा देश जिसकी जिमनास्टिक में अंतरराष्ट्रीय कामयाबी लगभग ना के बराबर है और जहां इसके खिलाड़ियों के लिए पर्याप्त फ़ंड भी उपलब्ध नहीं है वहां त्रिपुरा की दीपा करमाकर की ये उपलब्धि क़ाबिले-तारीफ़ है ।
- दीपा ने 2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीता था ।
- 22 साल की दीपा ने इसी साल अप्रैल में रियो ओलंपिक की टेस्ट इवेंट में 14.833 अंक हासिल कर गोल्ड मेडल जीता था और इसी शानदार प्रदर्शन के बूते वो रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफ़ाई भी कर गई थीं ।
- छह साल की उम्र से वो जिमनास्टिक कोच बिश्वेशर नंदी के मार्गदर्शन में ट्रेनिंग कर रही हैं ।
- जन्म से दीपा के फ़्लैट पैर हैं. और विशेषज्ञों के मुताबिक़ ये जिमनास्टिक जैसे खेल के लिए बड़ी बाधा है, इससे छलांग के बाद ज़मीन पर लैंड करते वक़्त संतुलन बनाने में बड़ी बाधा आती है. लेकिन कड़े अभ्यास और दृढ़ निश्चय के बलबूते दीपा ने अपनी इस कमी को अपने प्रदर्शन में आड़े आने नहीं दिया ।
- 2007 के राष्ट्रीय खेलों में शानदार प्रदर्शन के बाद दीपा का हौसला और बढ़ा वो और कड़ी प्रेक्टिस करने लगीं ।
- साल 2010 में भारत के आशीष कुमार ने कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियाई खेल में जब मेडल जीता तो एकाएक लोगों का ध्यान भारत में भी जिमनास्टिक की ओर गया ।
- तब जाकर जिमनास्टिक के लिए सरकारी मदद में इज़ाफ़ा हुआ. बेहतर उपकरण और खिलाड़ियों को दी जाने वाली सुविधाओं में भी सुधार हुआ ।
- पिछले साल हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में उन्होंने प्रोडूनोवा जिमनास्ट में आख़िरी पांच में जगह बनाई और अंतरराष्ट्रीय जिमनास्टिक संघ ने उन्हें विश्व स्तरीय जिमनास्ट की श्रेणी में रखा ।
जहां भारत के कई स्टार खिलाड़ियों ने ओलंपिक में अभी तक खराब शुरूआत की है वहीं 52 वर्षो के बाद ओलम्पिक खेलों की जिम्नास्टिक स्पर्धा में पहली भारतीय महिला एथलीट के तौर पर प्रवेश करने वाली दीपा करमाकर ने जिम्नास्टिक के फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया है। ओलम्पिक खेलों की जिम्नास्टिक स्पर्धा में पहली भारतीय महिला एथलीट के तौर पर प्रवेश करने वाली महज 22 साल की दीपा अब 14 अगस्त को इंडिया के लिए मेडल जीतने वाली पहली इंडियन भी बन सकती हैं। जीवन में तमाम संघर्षों और आर्थिक तंगी का सामना करने के बाद दीपा करमाकर इतिहास रचने से मात्र एक क़दम दूर हैं ।
8th August, 2016