लखनऊ:-
अफजाल अंसारी और उनके छोटे भाई मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का विलय दोबारा समाजवादी पार्टी में हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव खुद इस विलय को अंजाम तक पहुंचाने मे जुट गए हैं। इस फैसले में शिवपाल यादव की हनक भी साफ-साफ दिखाई देती है जो इन दिनों पार्टी से नाराज चल रहे हैं। पिछले जून में मंत्री बलराम सिंह यादव की मध्यस्थता और शिवपाल सिंह यादव की पहल के बाद पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने कौमी एकता दल के विलय को हरी झंडी दे दी थी। बाद में मीडिया में मामला उछलने पर अखिलेश ने मुख्तार को लेकर पार्टी फोरम में अपनी नाराजगी जाहिर की थी और ये ऐलान किया कि वो किसी भी कीमत पर मुख्तार अंसारी को पार्टी में नहीं लेंगे। इसके बाद अखिलेश की नाराजगी को देखते हुए समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस विलय को रद्द कर दिया गया था।
शिवपाल हैं नाराज-
- विलय रद्द होने के बाद से ही शिवपाल नाराज रहे थे। उन्हें मनाने की कोशिशें जारी थीं।
- रविवार को मैनपुरी में शिवपाल ने काफी तीखे बोल बोले और कहा कि उनकी पार्टी के दबंग लोग जमीन कब्जा करने और अवैध शराब के धंधे मे लिप्त हैं।
- अफसर भ्रष्ट हैं और उनकी बात कोई नहीं सुन रहा है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो पार्टी से वो इस्तीफा दे देंगे।
धोखा हुआ है हमारे साथ : अफजाल अंसारी -
- इसको लेकर अफजाल अंसारी बेहद नाराज हुए थे और उन्होंने तब ये कहा था कि उनके साथ धोखा हुआ है।
- वो पूर्वांचल में समाजवादी पार्टी को उसकी औकात बता देंगे,कौमा एकता दल के दो विधायक हैं मुख्तार अंसारी और सिबकतउल्ला अंसारी।
- हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी बात पिछले दिनों शिवपाल सिंह यादव से हुई तो है मगर वापसी को लेकर कोई चर्चा नही हुई है।
- फिलहाल वो पिछले बीस दिनों से टायफाइड से पीडि़त हैं और आज इलाज के लिए दिल्ली जा रहे हैं।
अखिलेश की भूमिका कम होगी -
- इसकी पुष्टि आज मुलायम सिंह यादव ने पार्टी में करते हुए कहा कि शिवपाल ने तीन बार उनको अपना इस्तीफा सौंपा है।
- मुलायम सिंह ने कहा कि अगर शिवपाल यादव ने पार्टी छोड़ दी तो सरकार की ऐसी तैसी हो जाएगी।
- मुलायम के इन तेवरों से साफ जाहिर है कि पार्टी के नीतिगत फैसले अब मुलायम, शिवपाल और राम गोपाल ही लेंगे।
- अखिलेश की भूमिका अब कमतर नजर आएगी।
लखनऊ:-
अफजाल अंसारी और उनके छोटे भाई मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का विलय दोबारा समाजवादी पार्टी में हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव खुद इस विलय को अंजाम तक पहुंचाने मे जुट गए हैं। इस फैसले में शिवपाल यादव की हनक भी साफ-साफ दिखाई देती है जो इन दिनों पार्टी से नाराज चल रहे हैं। पिछले जून में मंत्री बलराम सिंह यादव की मध्यस्थता और शिवपाल सिंह यादव की पहल के बाद पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने कौमी एकता दल के विलय को हरी झंडी दे दी थी। बाद में मीडिया में मामला उछलने पर अखिलेश ने मुख्तार को लेकर पार्टी फोरम में अपनी नाराजगी जाहिर की थी और ये ऐलान किया कि वो किसी भी कीमत पर मुख्तार अंसारी को पार्टी में नहीं लेंगे। इसके बाद अखिलेश की नाराजगी को देखते हुए समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस विलय को रद्द कर दिया गया था।
अफजाल अंसारी और उनके छोटे भाई मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल का विलय दोबारा समाजवादी पार्टी में हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव खुद इस विलय को अंजाम तक पहुंचाने मे जुट गए हैं। इस फैसले में शिवपाल यादव की हनक भी साफ-साफ दिखाई देती है जो इन दिनों पार्टी से नाराज चल रहे हैं। पिछले जून में मंत्री बलराम सिंह यादव की मध्यस्थता और शिवपाल सिंह यादव की पहल के बाद पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने कौमी एकता दल के विलय को हरी झंडी दे दी थी। बाद में मीडिया में मामला उछलने पर अखिलेश ने मुख्तार को लेकर पार्टी फोरम में अपनी नाराजगी जाहिर की थी और ये ऐलान किया कि वो किसी भी कीमत पर मुख्तार अंसारी को पार्टी में नहीं लेंगे। इसके बाद अखिलेश की नाराजगी को देखते हुए समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में इस विलय को रद्द कर दिया गया था।
शिवपाल हैं नाराज-
- विलय रद्द होने के बाद से ही शिवपाल नाराज रहे थे। उन्हें मनाने की कोशिशें जारी थीं।
- रविवार को मैनपुरी में शिवपाल ने काफी तीखे बोल बोले और कहा कि उनकी पार्टी के दबंग लोग जमीन कब्जा करने और अवैध शराब के धंधे मे लिप्त हैं।
- अफसर भ्रष्ट हैं और उनकी बात कोई नहीं सुन रहा है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो पार्टी से वो इस्तीफा दे देंगे।
धोखा हुआ है हमारे साथ : अफजाल अंसारी -
- इसको लेकर अफजाल अंसारी बेहद नाराज हुए थे और उन्होंने तब ये कहा था कि उनके साथ धोखा हुआ है।
- वो पूर्वांचल में समाजवादी पार्टी को उसकी औकात बता देंगे,कौमा एकता दल के दो विधायक हैं मुख्तार अंसारी और सिबकतउल्ला अंसारी।
- हालांकि उन्होंने कहा कि उनकी बात पिछले दिनों शिवपाल सिंह यादव से हुई तो है मगर वापसी को लेकर कोई चर्चा नही हुई है।
- फिलहाल वो पिछले बीस दिनों से टायफाइड से पीडि़त हैं और आज इलाज के लिए दिल्ली जा रहे हैं।
अखिलेश की भूमिका कम होगी -
- इसकी पुष्टि आज मुलायम सिंह यादव ने पार्टी में करते हुए कहा कि शिवपाल ने तीन बार उनको अपना इस्तीफा सौंपा है।
- मुलायम सिंह ने कहा कि अगर शिवपाल यादव ने पार्टी छोड़ दी तो सरकार की ऐसी तैसी हो जाएगी।
- मुलायम के इन तेवरों से साफ जाहिर है कि पार्टी के नीतिगत फैसले अब मुलायम, शिवपाल और राम गोपाल ही लेंगे।
- अखिलेश की भूमिका अब कमतर नजर आएगी।
16th August, 2016