नई दिल्ली
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सवा सौ करोड़ देशवासियों की निगाहें रियो ओलंपिक के महिला सिंगल्स मुकाबले को देखने के लिए लगी थीं। पीवी सिंधू ओलंपिक के महिला सिंगल्स मुकाबले के फाइनल में पहुंच कर पहले ही इतिहास रच चुकीं थी। मगर रियो ओलंपिक के महिला सिंगल्स बैडमिंटन के फ़ाइनल मुकाबले में भारत की पीवी सिंधू को हार का सामना करना पड़ा है। लेकिन इस हार के बाद भी सिंधू ने रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया, साथ ही वो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बनीं। इससे पहले भारत का कोई भी बैडमिंटन खिलाड़ी खेल के इस स्तर तक नहीं पहुंचा है। फाइनल मुकाबले में सिंधू को दुनिया की नंबर एक स्पेन की बैडमिंटन खिलाड़ी कैरोलीना मारिन से एक संघर्षपूर्ण मुकाबले में शिकस्त मिली।
कांटे की हुई टक्कर-
- सिंधू ने पहले ही गेम से जबरदस्त खेल दिखाया और 21-19 से पहला जीता लिया। हालांकि वो पहले पिछड़ रहीं थी।
- लेकिन शानदार स्ट्रोक्स की बदौलत उन्होंने 1-0 की बढ़त बनाई।
- दूसरे गेम में कभी सिंधू के करारे स्ट्रोक्स देखने को मिले रहे थे तो कभी कैरोलीना का दमदार स्मैश।
- छोटी- मोटी गलतियों की वजह से स्पेनिश खिलाड़ी ने 14-7 से बढ़त बनाई. लेकिन एक बार फिर से सिंधू ने शानदार खेल दिखाया ।
- लेकिन आखिर के दूसरे गेम में बाजी कैरोलीना ने ही मारी और 21-12 से दूसरा गेम जीतकर स्कोर को 1-1 की बराबरी पर ला दिया।
निर्णायक गेम में रोमांचक मुकाबला हुआ -
- एक बार फिर से दोनों ने जबरदस्त खेल दिखाना शुरू किया, दर्शकों का रोंमांच अपने चरम पर था।
- कभी सिंधू के लिए तालियां बजती तो कभी कैरोलीना के लिए, दोनों ही खिलाड़ी इस महामुकाबले को जीतकर इतिहास रचना चहाती थी।
- आखिर में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी ने मारी और तीसरा मुकाबला 21-15 से जीतकर रियो ओलंपिक के बैडमिंटन सिगल्स मुकाबले की गोल्डन गर्ल का खिताब जीत लिया।
- भारत की पीवी सिंधू ने सिलवर मेडल जीतकर न सिर्फ इतिहास रचा जबकि वो भारतीय खेल इतिहास में हमेश के लिए अमर हो गईं।
- इससे पहले कोई भी भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी इस मुकाम को हासिल नहीं कर सका। आज पूरे देश को सिंधू पर नाज है।
क्लिक करे-- नरसिंह का सपना टूटा, लगा 4 साल का प्रतिबंध
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सवा सौ करोड़ देशवासियों की निगाहें रियो ओलंपिक के महिला सिंगल्स मुकाबले को देखने के लिए लगी थीं। पीवी सिंधू ओलंपिक के महिला सिंगल्स मुकाबले के फाइनल में पहुंच कर पहले ही इतिहास रच चुकीं थी। मगर रियो ओलंपिक के महिला सिंगल्स बैडमिंटन के फ़ाइनल मुकाबले में भारत की पीवी सिंधू को हार का सामना करना पड़ा है। लेकिन इस हार के बाद भी सिंधू ने रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर इतिहास रच दिया, साथ ही वो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाली भारत की पहली महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बनीं। इससे पहले भारत का कोई भी बैडमिंटन खिलाड़ी खेल के इस स्तर तक नहीं पहुंचा है। फाइनल मुकाबले में सिंधू को दुनिया की नंबर एक स्पेन की बैडमिंटन खिलाड़ी कैरोलीना मारिन से एक संघर्षपूर्ण मुकाबले में शिकस्त मिली।
- सिंधू ने पहले ही गेम से जबरदस्त खेल दिखाया और 21-19 से पहला जीता लिया। हालांकि वो पहले पिछड़ रहीं थी।
- लेकिन शानदार स्ट्रोक्स की बदौलत उन्होंने 1-0 की बढ़त बनाई।
- दूसरे गेम में कभी सिंधू के करारे स्ट्रोक्स देखने को मिले रहे थे तो कभी कैरोलीना का दमदार स्मैश।
- छोटी- मोटी गलतियों की वजह से स्पेनिश खिलाड़ी ने 14-7 से बढ़त बनाई. लेकिन एक बार फिर से सिंधू ने शानदार खेल दिखाया ।
- लेकिन आखिर के दूसरे गेम में बाजी कैरोलीना ने ही मारी और 21-12 से दूसरा गेम जीतकर स्कोर को 1-1 की बराबरी पर ला दिया।
- एक बार फिर से दोनों ने जबरदस्त खेल दिखाना शुरू किया, दर्शकों का रोंमांच अपने चरम पर था।
- कभी सिंधू के लिए तालियां बजती तो कभी कैरोलीना के लिए, दोनों ही खिलाड़ी इस महामुकाबले को जीतकर इतिहास रचना चहाती थी।
- आखिर में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी ने मारी और तीसरा मुकाबला 21-15 से जीतकर रियो ओलंपिक के बैडमिंटन सिगल्स मुकाबले की गोल्डन गर्ल का खिताब जीत लिया।
- भारत की पीवी सिंधू ने सिलवर मेडल जीतकर न सिर्फ इतिहास रचा जबकि वो भारतीय खेल इतिहास में हमेश के लिए अमर हो गईं।
- इससे पहले कोई भी भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी इस मुकाम को हासिल नहीं कर सका। आज पूरे देश को सिंधू पर नाज है।
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20th August, 2016