यूरिड मीडिया (घर्म ) डेस्क:-
15 दिन के पितृपक्ष के बाद आने वाला नवरात्रि का पर्व इस बार दस दिन का होगा। वहीं आज से पितृपक्ष की शुरुवात हो चुकी है, जो की 30 सितंबर को खत्म होंगे
और 1 अक्टूबर से नवरात्र शुरू होंगे। जानकारी के मुताबिक दूज तिथि लगातार दो दिन की है। वहीं घाट विसर्जन नवमी तिथि को होगा। और दशहरा 11अक्टूबर मनाया जाएगा।
लाभकारी होगा इस बार का नवरात्र--
- इस बार नवरात्र में हस्त नक्षत्र और ब्रह्मयोग होने से सशक्त योग बन रहा है।
- शास्त्रों के अनुसार यह नवरात्र विशेष शुभकारी होगा।
- विशेषकर स्त्रियों का बल बढ़ेगा।
- राजसत्ता के लिए महिलाओं में प्रतिद्वंद्विता बढ़ेगी।
- 1अक्टूबर को कलश स्थापना सुबह 11:30 से 12:30 बजे तक करना कल्याणकारी रहेगा।
कलश की स्थापना कैसे करे--
- पुराणों के अनुसार दुर्गा पूजा से पहले कलश की स्थापना की जाती है।
- कलश स्थापना इसलिए होती है ताकि पूजन कुशलता पूर्वक संपन्न हो और घर में सुख-स्म्रधी आए।
- कलश स्थापना करते समय इन विधियों एवं मंत्रों से कलश की पूजा कर सकते हैं
- सबसे पहले कलश के ऊपर रोली से ॐ और स्वास्तिक लिखें।
- पूजा आरंभ के समय 'ऊं पुण्डरीकाक्षाय नमः' कहते हुए अपने ऊपर जल छिड़कें।
- अपने पूजा स्थल से दक्षिण और पूर्व के कोने में घी का दीपक जलाते हुए, 'ॐ दीपो ज्योतिः परब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दनः।
दीपो हरतु में पापं पूजा दीप नमोस्तु ते।' मंत्र पढ़ते हुए दीप प्रज्ज्वलित करें।
यूरिड मीडिया (घर्म ) डेस्क:-
15 दिन के पितृपक्ष के बाद आने वाला नवरात्रि का पर्व इस बार दस दिन का होगा। वहीं आज से पितृपक्ष की शुरुवात हो चुकी है, जो की 30 सितंबर को खत्म होंगे
और 1 अक्टूबर से नवरात्र शुरू होंगे। जानकारी के मुताबिक दूज तिथि लगातार दो दिन की है। वहीं घाट विसर्जन नवमी तिथि को होगा। और दशहरा 11अक्टूबर मनाया जाएगा।
15 दिन के पितृपक्ष के बाद आने वाला नवरात्रि का पर्व इस बार दस दिन का होगा। वहीं आज से पितृपक्ष की शुरुवात हो चुकी है, जो की 30 सितंबर को खत्म होंगे
और 1 अक्टूबर से नवरात्र शुरू होंगे। जानकारी के मुताबिक दूज तिथि लगातार दो दिन की है। वहीं घाट विसर्जन नवमी तिथि को होगा। और दशहरा 11अक्टूबर मनाया जाएगा।
लाभकारी होगा इस बार का नवरात्र--
- इस बार नवरात्र में हस्त नक्षत्र और ब्रह्मयोग होने से सशक्त योग बन रहा है।
- शास्त्रों के अनुसार यह नवरात्र विशेष शुभकारी होगा।
- विशेषकर स्त्रियों का बल बढ़ेगा।
- राजसत्ता के लिए महिलाओं में प्रतिद्वंद्विता बढ़ेगी।
- 1अक्टूबर को कलश स्थापना सुबह 11:30 से 12:30 बजे तक करना कल्याणकारी रहेगा।
कलश की स्थापना कैसे करे--
- पुराणों के अनुसार दुर्गा पूजा से पहले कलश की स्थापना की जाती है।
- कलश स्थापना इसलिए होती है ताकि पूजन कुशलता पूर्वक संपन्न हो और घर में सुख-स्म्रधी आए।
- कलश स्थापना करते समय इन विधियों एवं मंत्रों से कलश की पूजा कर सकते हैं
- सबसे पहले कलश के ऊपर रोली से ॐ और स्वास्तिक लिखें।
- पूजा आरंभ के समय 'ऊं पुण्डरीकाक्षाय नमः' कहते हुए अपने ऊपर जल छिड़कें।
- अपने पूजा स्थल से दक्षिण और पूर्व के कोने में घी का दीपक जलाते हुए, 'ॐ दीपो ज्योतिः परब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दनः।
दीपो हरतु में पापं पूजा दीप नमोस्तु ते।' मंत्र पढ़ते हुए दीप प्रज्ज्वलित करें।
16th September, 2016