नोएडा:- सपा मुखिया के लाडले और सूबे के सीएम अखिलेश यादव द्वारा नई पार्टी बनाने की खबरों से प्रदेश की चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इसे देखते हुए भाजपा भी एक बड़ा कदम उठाने के बारे में सोच रही है। आने वाले समय में एक और महागठबंधन देखने को मिल सकता है, जिससे सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के साथ बसपा और कांग्रेस के भी होश उड़ जाएंगे। उसके बाद प्रदेश चुनावों का ऐसा समीकरण बनेगा कि चुनावों से पहले किए जा रहे सभी सर्वे औैर पोल धरे के धरे रह जाएंगे। वो गठबंधन होगा अखिलेश यादव और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का।
अखिलेश और मोदी का गठबंधन
यूपी के 2017 चुनावों से पहले जिस तरह से प्रदेश के राजनीतिक समीकरण बदल रहे हैं। ऐसे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता कि कब क्या हो जाए? अखिलेश की अपने पिता की पार्टी से नाराजगी और नई पार्टी बनाने की चर्चा ने चुनाव का पूरा रंग बदलकर रख दिया है। ऐसे में बीजेपी की ओर से अपनी रणनीति में बदलाव करने का मन बना रही है। आने वाले दिनों में प्रदेश के लोगों को एक नया गठबंधन देखने को मिल सकता है। वो गठबंधन है अखिलेश यादव और नरेंद्र मोदी का होगा। अखिलेश और बीजेपी के पदाधिकारियों के साथ मुलाकात होने की बात भी सामने आ रही हैं। सूत्रों की मानें तो इस संबंध में अखिलेश और नरेंद्र मोदी भी आपस में मिल सकते हैं।
भारी पड़ेगा सभी पर गठबंधन
इस गठबंधन से सभी पार्टियों के अलावा प्रदेश ही नहीं देश के सभी गठबंधनों की नीदें हराम हो जाएगी। जानकारों की मानें तो ऐसा हुआ तो ये प्रदेश का ही नहीं देश का सबसे बड़ा गठबंधन होगा। इससे अखिलेश यादव को तो फायदा होगा ही साथ ही बीजेपी को भी बड़ा फायदा होगा। भाजपा की नेतृत्व को सीएम फेस की चिंता खत्म हो जाएगी। राज्यसभा में भी बीजेपी की स्थिति थोड़ी और मजबूत होगी। जानकारों के अनुसार अखिलेश और मोदी के काम करने का तरीका एक जैसा है। दोनों ही काम के मामले में पारदर्शी हैं। दोनों को ही अपने-अपने खेमे से समर्थन मिला हुआ है। दोनों ही फैन फॉलोइंग जबरदस्त है। ऐसे में दोनों ही जोड़ी यूपी में बड़ा कमाल करने में सक्षम है।
अखिर क्यों जरुरत है इस गठबंधन की?
आखिर इस गठबंधन की जरुरत क्यों महसूस की जा रही है? राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो मौजूदा समय में सपा में जो मंत्री और नेता हैं। उनसे पब्लिक काफी आजिज आ चुकी है। वहीं अखिलेश को इस पार्टी और सरकार में उतना काम करने का मौका नहीं मिला है। ऐसे में अखिलेश को मोदी के साथ सरकार बनाने में काम करने का पूरा मौका मिलेगा। साथ ही भाजपा के सरकार के साथ जुड़े होने से करप्शन होने की गुंजाइश भी कम ही रहेगी।
17th October, 2016