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वसीयत की जंग में अखिलेश की जीत?

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वसीयत की जंग में अखिलेश की जीत?

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विजय शंकर पंकज (यूरिड मीडिया)

लखनऊ। समाजवादी यदुबंशी परिवार का कलह रविवार की सुबह ही पूरे शबाब पर पहुंच गयी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधायकों, सांसदों तथा अन्य समर्थकों की अल्पकालिक बैठक के बाद अचानक जो बड़े फैसले लिए, उससे न केवल अपनी ताकत दिखायी बल्कि सपा मुखिया एवं अपने पिता को यह भी एहसास करा दिया कि उनके असली राजनैतिक वारिस वही है आैर अब वह कमान संभालने को तैयार है। इसके पहले जब परिवार में विवाद की सुगबुगाहट हुई थी तो पार्टी कार्यालय में कार्यलय में कार्यकर्ताओं से बातचीत करते हुए मुलायम सिंह यादव ने शंका पैदा की थी कि शिवपाल ने पार्टी छोड़ दी तो आधी पार्टी उसके साथ चली जाएगी। रविवार की बैठक के बाद अखिलेश ने साबित कर दिया कि प्रदेश के समाजवादी उनके साथ है आैर संगठन में भी शिवपाल की कोई हैसियत नही है। अखिलेश ने अमर सिंह को सीधे दलाल कहकर आैर उनके समर्थकों को पार्टी से बाहर करने का संकेत देकर अप्रत्यक्ष रूप से शिवपाल ही हमला किया। मुख्यमंत्री का संकेत था कि अमर सिंह जैसे लोगों के जाल में फंसे शिवपाल दलालों, अपराधियों को संरक्षण दे रहे है। विधानमंडल दल की बैठक में मुख्यमंत्री की ईमानदारी की जिस तरह कसीदे कढ़े गये, उससे भी साबित है कि सपा की भ्रष्टाचार वाली छवि बनाने में शिवपाल समर्थकों का हाथ है।