नया साल 2017 में सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की त्रिमूर्ति दुनिया के खगोल प्रेमियों को ग्रहण के चार रोमांचक दृश्य दिखाएगी। इसमें से दो खगोलीय घटनाएं भारत में भी नजर आएंगी। करीब दो सदी पुरानी उज्जैन की प्रतिष्ठित जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ़ राजेंद्र प्रकाश गुप्त ने भारतीय संदर्भ में की गई कालगणना के हवाले से शुक्रवार को यह जानकारी दी।
फरवरी में लगेंगे दो ग्रहण
खगोलीय घटनाओं का सिलसिला 11 फरवरी को लगने वाले उपच्छाया चंद्रग्रहण से शुरू होगा। यह भारत में दिखाई देगा। उपच्छाया चंद्रग्रहण तब लगता है, जब चंद्रमा पेनुम्ब्रा से होकर गुजरता है। इस समय चंद्रमा पर पड़ने वाली सूर्य की रोशनी आंशिक तौर पर कटी हुई प्रतीत होती है। जबकि ग्रहण चंद्रमा पर पड़ने वाली धुंधली परछाई के रूप में दिखाई देता है। 26 फरवरी को वलयाकार सूर्यग्रहण लगेगा। यह नजारा भारत में दिखाई नहीं देगा।
अगस्त में होगा पूर्ण सूर्य ग्रहण
इसके बाद सात अगस्त को लगने वाले आंशिक चंद्रग्रहण को दोबारा भारत में देखा जा सकेगा। चौथा पूर्ण सूर्य ग्रहण 21 अगस्त को लगेगा। भारत के लोग इससे वंचित रहेंगे। पूर्ण सूर्यग्रहण तब होता है, जब पृथ्वी से देखने पर सूर्य पूरी तरह चंद्रमा की ओट में छिपा दिखता है।
31st December, 2016