यूरिड मीडिया
। दो साल की पूरी हो चुकी शमा एक अजीब सी बीमारी से जूझ रही है। उसकी त्वचा छिपकली की तरह हो गई है। समय-समय पर ऊपर की पुरानी त्वचा धीरे-धीरे हटती जाती है और नीचे से नई त्वचा बनती है। मगर, इससे शमा को काफी दर्द होता है और कई बार तो वह रोने और चिल्लाने लगती है।
इस बीमारी का नाम लैम्मेलर इचिथासिस है, जो छह लाख में से किसी एक व्यक्ति को होती है। इस स्थिति से जूझ रहे लोगों की त्वचा छिपकली की तरह हो जाती है। इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति की त्वचा में दरारें पड़ने लगती हैं। गर्मी के दिनों में त्वचा कड़ी होने लगती है और इससे खून का बहाव रुक जाता है।
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नतीजतन चलने-फिरने में मुश्किल होती है। हाथ-पैर हिलाने में परेशानी आती है। बाल झड़ने लगते हैं और आंखों में भी समस्या आती है। इस स्थिति में त्वचा की कोशिकाएं बनती तो सामान्य गति से हैं, लेकिन उनका खत्म होना सामान्य तरीके से नहीं होता है।
शमा की मां ने बताया कि हम कई डॉक्टर्स को दिखा चुके हैं, लेकिन उनका कहना है कि इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। उन्होंने कुछ लोशन दिए हैं, जो हम लगाते हैं, लेकिन अभी उसे कोई राहत मिलती नहीं दिख रही है। हम उसके भविष्य को लेकर परेशान हैं।
20th April, 2017