यूरिड मीडिया डेस्क /नई दिल्ली। नवग्रहों में शनि का नाम सुनते ही अच्छे-अच्छे लोग भी भयभीत हो जाते हैं, लेकिन शनि हर किसी के लिए बुरे नहीं होते। वे न्यायाधीश हैं। इंसान के अच्छे-बुरे कर्मों के हिसाब से उन्हें दंड देते हैं। जिस व्यक्ति के बुरे कर्म हों, चोरी, लूट, अनैतिक कार्यों से धन अर्जित करते हों, स्त्रियों का सम्मान न करते हों, माता-पिता को दुखी करते हों उन्हें शनि भयंकर दंड देते हैं, लेकिन धर्म के मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति, अपने परिश्रम और ईमानदारी से धन अर्जित करने वाले को शनि देव प्रिय होते हैं और उन्हें मनचाही वस्तुएं, भौतिक सुख, मानसिक शांति प्रदान करते हैं।
यूं तो शनि देव को प्रसन्न करने के लिए प्रत्येक शनिवार को लोग अपनी-अपनी मान्यता और श्रद्धा-भक्ति के अनुसार दान, पूजा करते हैं, लेकिन शनि की कृपा प्राप्त करने के लिए शनि जयंती से अच्छा कोई और दिन नहीं। इस दिन शनि से संबंधित उपाय करके आप भी शनिदेव के कृपा पात्र बन सकते हैं।
उत्तर भारतीय पूर्णिमांत पंचांग के अनुसार शनि जयंती ज्येष्ठ मास की अमावस्या को आती है। इस बार यह 25 मई 2017, गुरुवार को आ रही है। शनि जयंती को शनैश्चरी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। यह शनिदेव के जन्म का दिवस है, इसलिए इस दिन की गई पूजा, दान, हवन से शनिदेव शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
शनि को क्रूर ग्रह जरूर माना जाता है, लेकिन वे केवल उन्हीं लोगों को दंड देते हैं जो बुरे कर्मों में लिप्त रहते हैं। शनि जयंती का महत्व उन लोगों के लिए ज्यादा बढ़ जाता है, जिनकी जन्म कुंडली में शनि बुरे प्रभाव दिखा रहा हो। जिन्हें शनि की साढ़ेसाती, ढैया चल रही हो। इन सब स्थितियों के कारण व्यक्ति भयंकर मानसिक, शारीरिक और आर्थिक परेशानियों से जूझता है। दांपत्य जीवन संकटपूर्ण रहता है और समस्त कार्यों में उसे असफलता हाथ लगती है।
19th May, 2017