एक्सपोर्ट से होने वाली कमाई में 42% हिस्सेदारी रखने वाली देश की 5.1 करोड़ से ज्यादा छोटी-मझोली कंपनियों, यंग आंत्रप्रेन्योर्स और स्टार्टअप्स को GST से राहत मिलने की उम्मीद है. देश के औद्योगिक उत्पादन में करीब 50% का योगदान देने वाली इन SME का रोजगार के मौके बनाने में भी कोई तोड़ नहीं है. हम बता रहे हैं कि कैसे इन्हें GST से फायदा होगा.
अभी 5 लाख रुपये से ज्यादा टर्नओवर रखने वाले बिजनेस को वैट रजिस्ट्रेशन फीस देनी होती है। लेकिन, GST में ऐसे बिजनेस के लिए न्यूनतम सीमा 20 लाख (उत्तर पूर्व के लिए 10 लाख) रखी गई है, जिससे यंग आंत्रप्रेन्योर्स को राहत मिलेगी.
अगर छोटी कंपनियों का टर्नओवर 20 लाख रुपये से कम है तो उन्हें रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं होगी.
- GST बिल सुनिश्चित करेगा कि किसी कंपनी को मैन्युफैक्चर या भारत में कोई प्रॉडक्ट बेचने के लिए एंट्री टैक्स नहीं देना होगा.
- GST के बाद, सेंट्रलाइज्ड रजिस्ट्रेशन छोटी कंपनियों/स्टार्टअप्स ओनर्स के लिए पूरी प्रक्रिया को आसान बनाएगा.
- कंपनी मालिक को हर महीने एक्साइज रिटर्न, वैट रिटर्न और सर्विस टैक्स अलग-अलग नहीं भरना होगा, उन्हें केवल अपनी GST बुक्स को मेंटेन रखना होगा.
- छोटी कंपनियों के लिए गुड्स और सर्विसेज को लेकर कोई अस्पष्टता नहीं होगी.
- सेंट्रल एक्साइज एंड सर्विस टैक्स एपेलीट ट्रिब्यूनल के पास छोटी कंपनियों से जुड़ी करीब 1 लाख शिकायतें लंबित हैं। GST से इन मामलों को निपटाने में मदद मिलेगी.
- लॉजिस्टिक्स कॉस्ट घटेगी और गुड्स के मूवमेंट में तेजी आएगी.
- छोटी कंपनियों के लिए बाजार का दायरा बढ़ेगा. उनके लिए अपने संभावित कंज्यूमर्स तक पहुंच बनाना आसान होगा.
24th June, 2017