नई दिल्ली: जम्मू एवं कश्मीर के अलगाववादी संगठन डेमोक्रेटिक फ्रीडम पार्टी और हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नेता शब्बीर शाह को हाल ही में टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग के केस में गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का दावा है कि शाह के नाम कई नामी-बेनामी संपत्ति हैं. एनआईए के मुताबिक शब्बीर शाह सबसे अमीर अलगाववादी नेताओं में से हैं. फिलहाल उनकी दो दर्जन संपत्तियों की जानकारी एनआईए को मिल चुकी है.
इसमें सन्नत नगर से लेकर बड़गाम, जम्मू, पहलगाम, कादीपोरा, अनंतनाग, श्रीनगर, नारबल और लारपोरा में उनके मकान हैं, उनकी दुकानें हैं या फिर जमीन है. गृह राज्य मंत्री किरेन रिजीजू ने पत्रकारों से कहा, "एनआईए अपनी जांच कर रही है और मुझे लगता है बखूबी कर रही है." बताया जा रहा है कि हुर्रियत के सभी छोटे-बड़े नेताओं पर एनआईए की गाज गिर चुकी है.
एनआईए ने सभी की संपत्ति की जानकारी भी जुटा ली है. इन लोगों के पास 200 से 300 करोड़ तक की नामी-बेनामी संपत्ति है. एनआईए का कहना है कि कई लोगों ने परिवार के नाम बड़ी संपत्ति खरीदी है. इनमें सैयद अली शाह गिलानी भी शामिल है. गिलानी की जमीन -जायदाद की देखभाल उनके छोटे बेटे नसीम खान करते हैं. उन्हें सोमवार को बुलाया गया है.
उधर सातों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया और गिलानी के दामाद अलताफ फंटूश, पीर सैफुल्लाह, बड़े बेटे नईम खान और मेहराज कलवाल की पुलिस हिरासत बढ़ा दी गई है. वहीं अलगवादियों के वकील रवि काजी ने कहा कि एनआईए की जांच खत्म हो जाने के बाद अयाज अकबर खानडे, शाहिद उल इस्लाम और बिता कराते को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
बता दें इन एनआईए ने शब्बीर शाह को 10 साल पुराने मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के केस में गिरफ्तार किया है. ईडी ने शाह को कई बार समन जारी किया लेकिन वह कभी जांच एजेंसी के सामने उपस्थित नहीं हुआ. पिछले महीने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया था. इसके बाद उसे गिरफ्तार कर कश्मीर से दिल्ली लाया गया था.
5th August, 2017