डोकलाम में भारत और चीन की सेना में तनातनी के बीच सरकार ने भारत-चीन सीमा पर रणनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण सड़कों के निर्माण में तेजी लाने का फैसला लिया है। सड़कों के निर्माण में देरी से चिंतित रक्षा मंत्रालय ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के प्रशासनिक और वित्तीय अधिकारों में बढ़ोतरी की है।
सरकार का यह फैसला नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के 61 महत्वपूर्ण रणनीतिक सड़कों के निर्माण में बीआरओ द्वारा देरी को लेकर कड़ी आपत्ति जताने के एक महीने बाद आया है। भारत-चीन सीमा सड़क परियोजना के तहत कुल 3,409 किलोमीटर लंबी सड़कें बननी हैं।
रक्षा मंत्रालय ने रविवार को एक बयान में कहा कि निर्माण कार्य में तेजी लाने और सेना की जरूरतों के अनुरूप परिणाम के लिए बीआरओ में आमूल परिवर्तन लाने का फैसला लिया गया है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, सेना चीन सीमा पर सड़क परियोजनाओं में देरी से नाखुश थी और रक्षा मंत्रालय से इन्हें तेजी से पूरा करने की मांग की थी। इन परियोजनाओं को 2012 में पूरा करना था।
रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि प्रशासनिक अधिकारों के अतिरिक्त सरकार ने बीआरओ के महानिदेशक (डीजी) को 100 करोड़ रुपये तक की खरीदारी का वित्तीय अधिकार दिया है। इसमें स्वदेशी और आयातित निर्माण कार्य मशीनरी और साजोसामान दोनों शामिल हैं।
21st August, 2017