21 अगस्त यानी कि आज इस साल का सबसे बड़ा सूर्यग्रहण लग रहा है. हालांकि इसे भारत में नहीं देखा जा सकेगा, पर उतरी अमेरिका, पश्चिमी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका, यूरोप के कुछ भागों में और उत्तर, पश्चिमी अफ्रीका में पूर्ण रूप में इसे देखा जा सकेगा. लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि इसका कोई प्रभाव आप पर नहीं पड़ेगा.
बता दें कि यह साल का दूसरा सूर्यग्रहण है. इससे पहले फरवरी में सूर्यग्रहण देखने को मिला था. सूर्यग्रहण तब लगता है जब पृथ्वी और सूरज के बीच चंद्रमा आ जाता है. इस बार ग्रहण सोमवार को रात में 9.15 बजे से सूर्य ग्रहण शुरू होगा और 22 अगस्त सुबह 2.34 बजे खत्म होगा. ऐसे में जान लें कि सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या ना करें. ताकि इसके दुष्प्रभावों से बचे रह सकें.
ग्रहण काल में क्या करें?
सूतक समय के बाद स्वयं भी स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें, तथा देवमूर्तियोम को स्नान करा कर, गंगाजल छिडक कर, नवीन वस्त्र पहनाकर, देवों का श्रंगार करना चाहिए.
सूर्य ग्रहण काल शुरू होने से समाप्ति के मध्य की अवधि में मंत्र ग्रहण, मंत्रदीक्षा, जप, उपासना, पाठ, हवन, मानसिक जाप, चिन्तन करना कल्याणकारी होता है.
सूर्य ग्रहण के बाद इन तुलसी और शमी पर भी गंगाजल छिड़क इन्हें शुद्ध किया जाता है.
सूर्य ग्रहण में अपने इष्ट देव, मंत्र, गुरु मंत्र, गायत्री मंत्र आदि का जप दीपक जला कर करना चाहिए.
मंत्रों की सिद्धि के लिये यह समय सर्वथा शुभ होता है.
सूर्य ग्रहण काल में क्या न करें?
सूर्य ग्रहण अवधि में देव मूर्तियों को स्पर्श नहीं किया जाता है.
देव प्रतिमाओं के अलावा तुलसी, शमी वृ्क्ष को स्पर्श नहीं किया जाता है.
संभोग न करें.
गर्भवती महिलाएं घर से बाहर न निकलें.
इस अवधि में भोजन करना, भोजन पकाना, शयन, मल-मूत्र त्याग, सजने संवरने से संबन्धित कार्य नहीं करने चाहिए.
सूर्य ग्रहण काल से जुड़ी एक मान्यता यह भी है कि इस अवधि में गर्भवती महिलाओं को सब्जी काटना, सीना-पिरोना आदि से बचना चाहिए, नहीं तो जन्म लेने वाले बालक में शारीरिक दोष होने की संभावना रहती है.
हालांकि सूर्य ग्रहण के सूतक के नियमों का विचार गर्भवती महिलाओं, रोगी, बालकों और वृ्द्धों के लिए नहीं होता है.
21st August, 2017