शिमला। 9 नवम्बर को हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस को एक बाद झटका लगा है।
यहाँ विधानसभा चुनाव के एलान के तीसरे ही दिन कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम और उनके बेटे मंत्री अनिल शर्मा ने परिवार के साथ बीजेपी में शामिल होने का निर्णय लिया है। दिग्गज कांग्रेसी नेता के पार्टी छोडने से कांग्रेस को इसका अच्छा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। सुखराम के पोते आश्रय शर्मा के भी भाजपा में शामिल होने की सूचना है।
हिमाचल सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे शर्मा ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि पार्टी में उन्हे नजरंदाज किया जा रहा था। जिस कारण उन्हे यह निर्णय लेना पड़ा। हालांकि उन्होंने अभी मंत्रिमंडल और कांग्रेस से इस्तीफा नहीं दिया है। जल्द ही वह विधिवत रूप से भाजपा में शामिल हो जाएंगे।
गौरतलब है कि मंडी सदर से प्रत्याशी बनाने के आश्वासन के बाद वह भाजपा में शामिल हुए हैं। गौरतलब है कि पंडित सुखराम मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के धुर विरोधी रहे हैं।
यहाँ विधानसभा चुनाव के एलान के तीसरे ही दिन कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम और उनके बेटे मंत्री अनिल शर्मा ने परिवार के साथ बीजेपी में शामिल होने का निर्णय लिया है। दिग्गज कांग्रेसी नेता के पार्टी छोडने से कांग्रेस को इसका अच्छा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। सुखराम के पोते आश्रय शर्मा के भी भाजपा में शामिल होने की सूचना है।
गौरतलब है कि मंडी सदर से प्रत्याशी बनाने के आश्वासन के बाद वह भाजपा में शामिल हुए हैं। गौरतलब है कि पंडित सुखराम मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के धुर विरोधी रहे हैं।
15th October, 2017