लखनऊ, यूरीड मीडिया न्यूज़। उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में मुख्यमंत्री योगी को मात देने के बाद अखिलेश यादव राज्यसभा में भी भाजपा को पराजित करने की चुनावी गणित में जुट गए है। राज्यसभा चुनाव परिणाम यह तय करेगा कि योगी एवं अखिलेश में बड़ा चुनाव प्रबन्धक कौन है? दोनों नेता अपने-अपने दलों एवं समर्थित विधायकों को दावत पर बुलाया है जिसमें चुनावी गणित की रणनीति तय होगी। विधानसभा में 402 विधायक है। एक सीट भाजपा विधायक के निधन होने से रिक्त है। दस राज्यसभा सीटें है जिसके लिए 11 प्रत्याशी मैदान में है। भाजपा के 9 सपा के 1 एवं बसपा के 1 प्रत्याशी शामिल है। जीत के लिए प्रत्येक प्रत्याशी को 37 मत चाहिए। भाजपा के 324 विधायक है। नरेश अग्रवाल के शामिल होने से नितिन अग्रवाल को जोड़कर 325 विधायक होते है। विपक्ष में सपा के 46 बसपा के 19 रालोद 1 एवं चार निर्दलीय विधायक है। विधायकों की संख्यानुसार 8 भाजपा और 1 सपा के प्रत्याशी का चयन निश्चित है। 10वीं सीट के लिए बसपा के भीमराव अंबेडकर और भाजपा समर्थित अनिल अग्रवाल के बीच मुक़ाबला है। दोनों तरफ से जोड़-तोड़ की सियासत चल रही है। हर स्तर से चुनाव जीतने के हथकंडे योगी और अखिलेश अपना रहे है। चुनाव परिणाम तय करेगा कि उपचुनाव का बदला राज्यसभा चुनाव में योगी ले पाये है या फिर अखिलेश बसपा प्रत्यशी जीताकर एक बार फिर योगी पर भारी पड़ते है।
21st March, 2018