अहमदाबाद। गुजरात हाईकोर्ट आज 2002 में हुए नरोदा पटिया दंगों पर अपना फैसला सुनाया। बता दें कि स्पेशल कोर्ट पहले ही इस मामले में गुजरात में तत्कालीन मोदी सरकार में मंत्री रही माया कोड़नानी और बाबू बजरंगी समेत 32 लोगों को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाया था। स्पेशल कोर्ट के फैसले के खिलाफ इनकी अर्जी पर मामला हाइकोर्ट में चल रहा था। पिछले साल अगस्त में सुनवाई पूरी करने के बाद जजों की बेच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
हाईकोर्ट ने बाबू बजरंगी को दोषी मानते हुए उन्हें जीवनपर्यन्त आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही माया कोडनानी को पर्याप्त सबूत ना होने की वजह से उन्हें निर्दोष मानते हुए बारी कर दिया है।
नरोदा पाटिया दंगा
गुजरात में वर्ष 2002 में हुए दंगों के दौरान अहमदाबाद में स्थित नरोदा पाटिया इलाके में 98 लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस दंगे में करीब तीन दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए थे। इस घटना को गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन को जलाए जाने के एक दिन बाद अंजाम दिया गया था। दरअसल, साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन को जलाए जाने के बाद विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) ने बंद का आह्वान किया था। इस दौरान ही नरोदा पाटिया इलाके में उग्र भीड़ ने अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों पर हमला कर दिया था। इसी मामले में आरोपियों पर आज फैसला आना है।
कब क्या हुआ?
25 फरवरी 2002: अयोध्या से 2000 से ज़्यादा कारसेवक साबरमती एक्सप्रेस से अहमदबाद जाने के लिए बैठे।
27 फरवरी 2002: गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस 4 घंटे की देरी से पहुंची। यहां एक भीड़ ने ट्रेन को घेर कर आग के हवाले कर दिया। जिसमें 59 कारसेवकों की मौत हो गई। (इस मामले में अदालत ने 31 लोगों को दोषी ठहराया है। जिंसमें 11 लोगों को मौत की सजा सुनाई जा चुकी है।)
28 फरवरी 2002: वीएचपी ने गोधरा कांड के विरोध में बंद का आह्वान किया। इसी दौरान उग्र भीड़ ने नरोदा पाटिया इलाके में हमला कर दिया।
2009 में शुरू हुआ मुकदमा
अगस्त 2009 में नरोदा पाटिया कांड का मुकदमा शुरू हुआ। इसमें 62 आरोपियों के खिलाफ आरोप दर्ज किए गए थे। सुनवाई के दौरान एक अभियुक्त विजय शेट्टी की मौत हो गई। अदालत ने सुनवाई के दौरान 327 लोगों के बयान दर्ज किए. इनमें पत्रकार, कई पीड़ित, डॉक्टर, पुलिस अधिकारी और सरकारी अधिकारी शामिल थे।
स्पेशल कोर्ट ने सुनाई सजा
अगस्त 2012 में एसआईटी मामलों के लिए स्पेशल कोर्ट
ने बीजेपी विधायक और राज्य की नरेन्द्र मोदी सरकार में पूर्व मंत्री माया कोडनानी और बाबू बजरंगी को हत्या और षड्यंत्र रचने का दोषी पाया। इसके अलावा 32 अन्य को भी दोषी ठहराया गया था।
हाईकोर्ट ने बाबू बजरंगी को दोषी मानते हुए उन्हें जीवनपर्यन्त आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही माया कोडनानी को पर्याप्त सबूत ना होने की वजह से उन्हें निर्दोष मानते हुए बारी कर दिया है।
ने बीजेपी विधायक और राज्य की नरेन्द्र मोदी सरकार में पूर्व मंत्री माया कोडनानी और बाबू बजरंगी को हत्या और षड्यंत्र रचने का दोषी पाया। इसके अलावा 32 अन्य को भी दोषी ठहराया गया था।
20th April, 2018