यूरीड मीडिया- दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सामान्य तौर पर 8 जुलाई तक पूरे देश में फैलता है लेकिन इस साल जुलाई के पहले हफ्ते में ही कई राज्यों में बाढ़ का कहर देखने को मिल रहा है. भारी बारिश के बीच कई राज्य बाढ़ से जूझ रहे हैं. इसमें असम, महाराष्ट्र, बिहार, उत्तराखंड से लेकर यूपी के कई इलाके शामिल हैं. आमतौर पर 8 जुलाई तक पूरे देश में मॉनसून के फैल जाने के बाद तेज बारिश देखी जाती है, जिससे बारिश की स्थिति पैदा होती है. हालांकि, इस बार ये स्थिति समय से पहले आ गई है.
बता दें कि इस साल मॉनसून मॉनसून केरल और पूर्वोत्तर क्षेत्र में सामान्य से दो और छह दिन पहले 30 मई को पहुंचा और 8 जुलाई (पूरे भारत को कवर करने की सामान्य तिथि से छह दिन पहले) की तुलना में 2 जुलाई 2024 को ही पूरे देश को कवर कर लिया है. इसी तरह इस साल सभी स्थिति समय से पहले देखने को मिल रही हैं. आइए, उन राज्यों के वीडियो देखें जो जुलाई में ही बाढ़ से जूझ रहे हैं.
असम
असम में बाढ़ की स्थिति में सोमवार को थोड़ा सुधार हुआ है. हालांकि, छह और लोगों की जान चली गई और 27 जिलों में लगभग 19 लाख लोग प्रभावित हैं. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की दैनिक बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार, धुबरी जिले के बिलासीपारा और अगामोनी राजस्व मंडल में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई. गुवाहाटी में क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र (आरएमसी) ने कहा कि असम और उसके पड़ोस पर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है, जिसके कारण अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अलग-अलग स्थानों पर आंधी और बिजली गिरने की संभावना है.
उत्तराखंड
उत्तराखंड के उधमसिंह नगर में नानक सागर से वहां लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. भारी बारिश के चलते नानक सागर डैम का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है. लिहाजा डैम के सभी गेट खोल दिए गए हैं. नानक सागर डैम के पानी से अब यूपी के कई हिस्सों में बाढ़ के हालात बिगड़ सकते हैं.
उत्तराखंड का उधमसिंह नगर आसमान से बरसी आफत की वजह से जलमग्न हो गया है. खेत से लेकर घर तक में पानी भरा हुआ है. इंडेन गैस सर्विस के दफ्तर में पानी भरने से भी ग्राहक परेशान हैं. एनडीआएफ के जवान बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों को निकालने में जुटे हैं. उत्तराखंड में 12 जगह पर टीमें तैनात की गई हैं, जो बाढ़ में फंसे लोगों को बाहर निकालने का काम कर रही हैं.
जोशीमठ बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर लैंडस्लाइड
उत्तराखंड के जोशीमठ बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर पूरी पहाड़ी टूटकर आ गई है. पहाड़ी टूटने से जोशीमठ क्षेत्र में संचार व्यवस्था ठप्प हो गई है. वहीं हजारों यात्री मार्ग के दोनों ओर फंस गए हैं. सबसे मुख्य बात ये कि कल बद्रीनाथ विधानसभा उपचुनाव होने हैं और पोलिंग पार्टियां को अपने बूथ तक पहुंचना है लेकिन मार्ग बंद हो गया है ऐसे के चारधाम यात्रियों के साथ पोलिंग पार्टियां भी फंस गई हैं.
उत्तराखंड का अल्मोड़ा
उत्तराखंड में बारिश, बाढ़ और लैंडस्लाइड से भारी तबाही हुई है. अल्मोड़ा में रामनगर-रानीखेत मार्ग पर मोहान के पास पूरा पुल ही टूट गया है. फिलहाल प्रशासन ने इस रूट का ट्रैफिक हराड़ा-भौनखाल रूट पर डायवर्ट किया है. पुल टूटने से स्थानीय लोग काफी परेशान हैं क्योंकि आधी आबादी पुल के दूसरी तरफ है. पुल टूटने के बाद अब इन लोगों को नौकरी और बच्चों की पढ़ाई के लिये जान जोखिम में डालकर नदी के तेज बहाव के बीच से होकर गुजरना पड़ रहा है.
महाराष्ट्र के अकोला
महाराष्ट्र के अकोला से बारिश, बाढ़ और तबाही की तस्वीरें सामने आ रही हैं. अकोला में मूसलाधार बारिश से शहर के कई हिस्से पानी में डूब गए हैं. तमाम नदी नाले उफान पर हैं. अकोला के खराप गांव में काम कर रहे 14 मजदूर अचानक आए तेज बहाव में फंस गये. इन मजदूरों को रस्सी के सहारे रेस्क्यू किया गया.
मुंबई
मौसम विभाग ने मुंबई और पुणे में आज यानी 9 जुलाई को भी हाई टाइड और भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है. भारी बारिश ने मुंबई और पुणे के सड़क परिवहन के साथ हवाई सेवाओं को भी बुरी तरह प्रभावित किया है. खराब मौसम की परिस्थितियों को देखते हुए प्रशासन ने आज 9 जुलाई को मुंबई और पुणे के सभी स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी है.
यूपी
यूपी के पीलीभीत में भी लगातार चौबीस घंटे से धुआंधार बारिश हो रही है, जिससे कई गांव टापू में तब्दील हो गये हैं. नदी नाले इस कदर उफन रहे हैं कि रेलवे की पुलिया पानी के तेज बहाव में बह गयी और रेलवे ट्रैक हवा में झूल रही है. इसके चलते इस रूट की सभी ट्रेनों का संचालन रेलवे प्रशासन ने फिलहाल बंद कर दिया है. बाढ़ और बारिश हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. प्रशासन ने कक्षा एक से लेकर आठवीं तक फिलहाल छुट्टी का एलान किया है.
बिहार
बिहार में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है. नेपाल में भारी बारिश के बाद कोसी बैराज के 56 गेट खोले गये हैं. बांध से करीब 3 लाख 94 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा चुका है जिससे कोसी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. बाढ़ का पानी नदी के आसपास के गांवों को अपनी चपेट में ले रहा है. सैकड़ों गांव जलमग्न हो चुके हैं हजारों लोग बाढ़ से प्रभावित हैं. कोसी में बढ़ रहे जलस्तर की वजह से सुपौल, सहरसा और मधेपुरा जैसे जिलों में भी बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. पिछले 44 साल में पहली बार जुलाई के महीने कोसी बैराज से चाल लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. प्रशासन ने लोगों से ऊंचाई वाले स्थानों पर जाने की अपील की है. इसके अलावा उत्तरी बिहार में भी लगातार बारिश हो रही है जिससे हालात और बदतर हो सकते हैं.
बिहार का मधुबनी
कोसी नदी में आई बाढ़ के कारण बिहार के मधुबनी जिले के बाढ़ग्रस्त इलाके में गाड़ियों की जगह दुल्हे को चिलचिलाती धूप में नाव पर चढ़कर निकाह करने के जाना पड़ रहा है. मामला मधुबनी जिले के मधेपुर प्रखंड की है. मधेपुर प्रखंड में इन दिनों कोसी नदी अपने उफान पर है, जिस कारण बाढ़ का कहर जारी है. प्रखंड के परबलपुर गांव निवासी मो. एहसान की शादी की बारात सोमवार को दुल्हन के घर जाने के लिए नाव से रवाना हुई.
मध्य प्रदेश
मध्य प्रदेश में भी बारिश और बाढ़ की वजह से हाहाकार मच गया है. मौसम विभाग ने कई जिलों में आज भी भारी बारिश की चेतावनी दी है. सीहोर में सड़कों पर इतना पानी भर गया कि तेज बहाव में बहती गाड़ियों की तस्वीर सामने आ रही है. जिला अस्पताल में भी बाढ़ का पानी भर गया है. वॉर्ड में मरीजों के पलंग के के नीचे भरा पानी तमाम इंतजामों पर सवाल खड़े कर रहा है. सिहोर में मूसलाधार बारिश की वजह से गोलू खेड़ी इलाके में पुल के ऊपर से नदी का पानी बह रहा है.
9th July, 2024