आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले ईडी ने सुबह उनके घर पर छापेमारी की थी. कई घंटों की छापेमारी के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है. उनकी गिरफ्तारी दिल्ली के कथित वक्फ घोटाले में हुई है.
अमानतुल्लाह खान दिल्ली की ओखला सीट से विधायक हैं. उन पर दिल्ली वक्फ बोर्ड का चेयरमैन रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग करने और अपने करीबियों की नियुक्तियां करने का आरोप है.
इस घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच कर रही ईडी की टीम सोमवार सुबह अमानतुल्लाह के घर पहुंची थी. यहां ईडी की टीम और अमानतुल्लाह के बीच बहस भी हो गई. कई घंटों तक छापेमारी के बाद ईडी ने अमानतुल्लाह को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी पर उन्होंने खुद को बेकसूर बताया.
दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के एसडीएम (मुख्यालय) ने नवंबर 2016 में वक्फ बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष अमानतुल्लाह खान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी.
इस शिकायत में आरोप लगाया गया था कि अमानतुल्लाह खान ने वक्फ बोर्ड के कई स्वीकृत और गैर-स्वीकृत पदों पर मनमाने और अवैध तरीके से नियुक्तियां कीं. अमानतुल्लाह पर कुल 32 लोगों को अवैध रूप से भर्ती करने का आरोप है.
सीबीआई ने जब जांच की तो पता चला कि अमानतुल्लाह खान ने महबूब आलम के साथ मिलकर अपने पद का दुरुपयोग किया, जानबूझकर नियमों की अनदेखी की और भर्ती प्रक्रियाओं में हेरफेर कर मनमाने ढंग से अपने चहेतों की नियुक्ती की. इससे सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा.
सीबीआई ने जांच में ये भी पाया कि अगर भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष होती, तो योग्य लोगों को रोजगार मिल सकता था. इसके बाद सीबीआई ने इस मामले में केस दर्ज किया. सीबीआई के बाद इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए ईडी ने भी केस दर्ज कर लिया.
लाल डायरी ने बढ़ाई मुश्किल!
सितंबर 2022 में इस घोटाले की जांच के दौरान एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) को एक अहम सबूत मिला था. एसीबी को कौशर इमाम सिद्दिकी उर्फ लड्डन के घर से एक लाल डायरी मिली थी. कौशर को अमानतुल्लाह का करीबी माना जाता है.
एसीबी के मुताबिक, लाल रंग की इस डायरी में अमानतुल्लाह के कई सारे राज थे और करोड़ों रुपये के लेन-देन की एंट्री भी लिखी गई थी.
एसीबी का शक था कि डायरी में दर्ज करोड़ों रुपये हवाला के जरिए दुबई से भेजे गए थे. ऐसा दावा है कि ये डायरी अमानतुल्लाह के खातों की ही है.
और क्या-क्या आरोप हैं?
डी का आरोप है कि दिल्ली वक्फ बोर्ड में गैरकानूनी तरीके से नियुक्तियां कर अमानतुल्लाह ने काफी पैसा कमाया है. दावा है कि इस अवैध कमाई का इस्तेमाल अपने करीबियों के जरिए रियल एस्टेट में किया. इसी साल मार्च में ओखला इलाके में 36 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी खरीदने के मामले में कोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत खारिज कर दी थी. ईडी का आरोप है कि चेयरमैन रहते हुए अमानतुल्लाह ने 100 करोड़ रुपये की वक्फ संपत्तियों को अवैध रूप से लीज पर दिया और वक्फ बोर्ड में 32 संविदा कर्मचारियों को नियुक्त किया.
2nd September, 2024