यूरीड मीडिया- यूपी की फूलपुर विधानसभा उपचुनाव में दो दिग्गज नेताओं की इज्जत दांव पर लगी है, क्योंकि ये उपचुनाव केशव बनाम इंद्रजीत होने जा रहा है। बीजेपी उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य इस सीट का प्रभारी बनाया है तो सपा ने राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व मंत्री को फूलपुर की जिम्मेदारी सौंपी है। जिसकी वजह से ये सीट प्रत्याशियों के साथ यूपी के दो बड़े नेताओं की नाक का सवाल बन गई है।
बीते दिनों यूपी के डिप्टी सीएम व फूलपुर प्रभारी केशव प्रसाद मौर्य ने अपने प्रत्याशी दीपक पटेल के नामांकन में दो मंत्रियों दयाशंकर सिंह, राकेश सचान, पूर्व कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और सांसद प्रवीण पटेल समेत तमाम दिग्गजों के साथ नामांकन कर शक्ति प्रदर्शन किया।
'साइकिल की निकली हवा'
डिप्टी सीएम ने अपने संबोधन में कहा कि साइकिल की हवा निकल गई और वो सैफई चली गई है। उन्होंने सभी 9 सीटों पर बीजेपी की जीत का दावा किया है। भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा के चुनाव 2024 में खराब प्रदर्शन के बाद विधानसभा उपचुनाव से वापसी की रणनीति तैयार की है।
फूलपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की जिम्मेदारी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को दी गई है. फूलपुर को केशव प्रसाद मौर्य का गढ़ के तौर पर माना जाता है. वो यहां से सांसद रहे हैं. ऐसे में भाजपा को एक बार फिर इस सीट पर जीत दिलाने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई है।
अखिलेश ने इंद्रजीत को सौंपी जिम्मेदारी
वही, सपा के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज पुराने नेता हैं.उनको अखिलेश यादव ने फूलपुर का प्रभारी बनाया है और उन्हें इस सीट को जिताने की जिम्मेदारी दी है। सपा ने मुजतबा सिद्दीकी को टिकट दिया है।
कभी मायावती के करीबी थे इंद्रजीत
इंद्रजीत सरोज कभी बसपा सुप्रीमो मायावती के करीबी रहे हैं। दलित नेता इंद्रजीत सरोज 2018 में समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे। सपा के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज के जरिए अखिलेश फूलपुर में अपने पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक यानी पीडीए राजनीति की बिसात बिछाते दिख रहे हैं। जिसके बाद से ये फूलपुर में दो बड़े दिग्गजों की साख का सवाल बन गई है।
13 नवंबर को होगी वोटिंग
बीते दिनों चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद 15 राज्यों की 48 विधानसभा और दो लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव का ऐलान किया था। यूपी की नौ कटेहरी, करहल, मीरापुर, गाजियाबाद, मझवां, सीसामऊ, खैर, फूलपुर और कुंदरकी विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। इन सीटों पर 13 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को नतीजे आएंगे।
बीते दिनों यूपी के डिप्टी सीएम व फूलपुर प्रभारी केशव प्रसाद मौर्य ने अपने प्रत्याशी दीपक पटेल के नामांकन में दो मंत्रियों दयाशंकर सिंह, राकेश सचान, पूर्व कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और सांसद प्रवीण पटेल समेत तमाम दिग्गजों के साथ नामांकन कर शक्ति प्रदर्शन किया।
'साइकिल की निकली हवा'
डिप्टी सीएम ने अपने संबोधन में कहा कि साइकिल की हवा निकल गई और वो सैफई चली गई है। उन्होंने सभी 9 सीटों पर बीजेपी की जीत का दावा किया है। भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा के चुनाव 2024 में खराब प्रदर्शन के बाद विधानसभा उपचुनाव से वापसी की रणनीति तैयार की है।
फूलपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की जिम्मेदारी डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को दी गई है. फूलपुर को केशव प्रसाद मौर्य का गढ़ के तौर पर माना जाता है. वो यहां से सांसद रहे हैं. ऐसे में भाजपा को एक बार फिर इस सीट पर जीत दिलाने की जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई है।
अखिलेश ने इंद्रजीत को सौंपी जिम्मेदारी
वही, सपा के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज पुराने नेता हैं.उनको अखिलेश यादव ने फूलपुर का प्रभारी बनाया है और उन्हें इस सीट को जिताने की जिम्मेदारी दी है। सपा ने मुजतबा सिद्दीकी को टिकट दिया है।
कभी मायावती के करीबी थे इंद्रजीत
इंद्रजीत सरोज कभी बसपा सुप्रीमो मायावती के करीबी रहे हैं। दलित नेता इंद्रजीत सरोज 2018 में समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे। सपा के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज के जरिए अखिलेश फूलपुर में अपने पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक यानी पीडीए राजनीति की बिसात बिछाते दिख रहे हैं। जिसके बाद से ये फूलपुर में दो बड़े दिग्गजों की साख का सवाल बन गई है।
13 नवंबर को होगी वोटिंग
बीते दिनों चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद 15 राज्यों की 48 विधानसभा और दो लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव का ऐलान किया था। यूपी की नौ कटेहरी, करहल, मीरापुर, गाजियाबाद, मझवां, सीसामऊ, खैर, फूलपुर और कुंदरकी विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। इन सीटों पर 13 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को नतीजे आएंगे।
28th October, 2024