लखनऊ-- यूपी की राजधानी लखनऊ में महिला आईपीएस मंजिल सैनी की एसएसपी पद पर नियुक्ति पर मात्र12 घंटे में ही सरकार ने ही रोक लगा दी है। अखिलेश सरकार ने एसएसपी राजेश पांडेय को डीजीपी ऑफिस में भेजते हुए उनकी जगह इटावा की एसएसपी मंजिल सैनी को लखनऊ की एसएसपी बना दिया था। सोमवार को लखनऊ को अपनी पहली महिला एसएसपी मिली थी। आजादी के बाद यह पहला मौका था, जब किसी महिला पुलिस अधिकारी को शहर का एसएसपी बनाया गया था। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बाकायदा ट्वीट करके मंजिल सैनी को एसएसपी लखनऊ बनाए जाने की जानकारी दी थी।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर सोमवार को सरकार ने 50 आईपीएस अधिकारियों के तबादले किए थे. इसमें लखनऊ के एसएसपी राजेश पांडेय की उनके पद से छुट्टी कर उन्हें डीजीपी ऑफिस से अटैच कर दिया गया. उनकी जगह पर इटावा की एसपी मंजिल सैनी को नियुक्त करने का आदेशा जारी किया गया था. लेकिन, 12 घंटों में ही इस फैसले पर रोक लगा दी गई|
मिली जानकारी के अनुसार लखनऊ के नए एसएसपी की तलाश की जा रही है. जबकि, महिला आईपीएस अधिकारी को इटावा में ही रखा गया है. गौरतलब है कि मंजिल सैनी को लेडी सिंघम भी कहा जाता है.
मंजिल सैनी का इतिहास--
- 19 सितंबर 1975 को दिल्ली में जन्म हुआ|
- मंजिल सैनी ने शुरुआती पढ़ाई दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से की।
- इसके बाद दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनामिक्स से मंजिल ने न सिर्फ मास्टर डिग्री हासिल की बल्कि गोल्ड मेडल भी हासिल किया।
- वर्ष 2005 बैच की आईपीएस अधिकारी मंजिल सैनी इसके पहले इटावा, मुजरफरनगर, बंदायू, मथुरा समेत आधा दर्जन से ज्यादा जनपदों में बतौर पुलिस कप्तान तैनात रहीं।
- इटावा में वह बीते एक साल से बतौर एसएसपी तैनात थी।
किडनी रैकेट का किया भंडाफोड़--
- मंजिल ट्रेनिंग पूरी करने के महज छह माह के अंदर ही मुरादाबाद में तैनाती के दौरान गुडगांव के 2008 के बहुचर्चित किडनी रैकेट का भंडाफोड़ किया|
- जिसके चलते वो सुर्खियों में आईं। कुछ समय पहले सैफई में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उनके कामकाज की जमकर तारीफ की थी।
- जिसके बाद शासन स्तर पर मंजिल सैनी के एसएसपी लखनऊ बनाए जाने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया था।
- साल 2013 में जब मुजफ्फरनगर में दंगे हुए थे| उससे पहले मंजिल की पोस्टिंग वहां हुई थी।
- उन्होंने केंद्रीय नियुक्ति के लिए भी अप्लाई किया था, लेकिन राज्य सरकार ने इसकी इजाजत नहीं दी।
17th May, 2016