गोंडा-- बेसिक शिक्षा विभाग के सहायता प्राप्त विद्यालय के कर्मचारी अपने को कर्मचारी न समझ कर विद्यालय को अपनी जागीर समझ लिए हैं तभी तो एक कर्मचारी न ही संयुक्त शिक्षा निदेशक के आदेश को मानता है और न ही जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के आदेश को मानता है और न ही बी एस ए द्वारा गठित कमेटी के निस्तारण को मानता है ड्यूटी करने में इनका विश्वाश नहीं है और अनुशासनहीनता और अराजकता करना ही इनका एकमात्र काम रह गया है परिणामस्वरूप विभाग द्वारा इस कर्मचारी के सेवा समाप्ति की कार्यवाही शुरू कर दी गयी है।
क्या है मामला--
- मामला लखनऊ रोड के सहायता प्राप्त विद्यालय अमर शहीद राजेन्द्र लाहिड़ी विद्यालय का है।
- जहाँ दिनांक 30.09.2015 के बाद से लिपिक राज प्रसाद मिश्रा ने प्रबंधक के आदेश के बावजूद न तो योगदान प्रस्तुत किया और न ही विद्यालय सञ्चालन में सहयिग किया।
- यही नहीं अराजकता और अनुशासनहीनता बरतते हुए इन्होंने बाहरी व्यक्तियो जे साथ मिलकर विद्यालय में बवाल किया
कार्यवाही के दिए निर्देश--
- गंभीर आरोपों के मद्देनजर प्रबंधक द्वारा इनकी सेवा समाप्ति जे लिए बी एस ए से अनुमोदन माँगा जिस पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ फ़तेह बहादुर सिंह ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए राज प्रसाद मिश्र की सेवा समाप्ति से पूर्व विधिक कार्यवाही का निर्देश दिया है ।
- राज प्रसाद चूँकि नवम्बर 30,2015 के बाद से लगातार ड्यूटी से गायब हैं।
- इसलिए इनका अनुपस्थित अवधि में वेतन भी बाधित है।
- बार बार निर्देश के बावजूद न यह काम करते हैं और न ही वेतन बिल प्रस्तुत किया हाईकोर्ट में भी इनके द्वारा अपने वेतन के लिए याचिका दायर की गई जहाँ से फौरी तौर पर इन्हें कोई भी रिलीफ नहीं मिला इनके द्वारा प्रबंध समिति को पार्टी नहीं बनाया था।
- लेकिन प्रबंध समिति ने राज प्रसाद के बारे में पूरी स्थिति कोर्ट को साफ़ कर दी ताज्जुब की बात यह है कि यह उस कर्मचारी की बात है जिसकी नियुक्ति ही उन्ही प्रबंधक द्वारा की गई थी जिन पर यह अब आरोप लगा रहा है।
- बी एस ए के निर्देश के बाद अब राज प्रसाद की सेवा समाप्ति के मामले में कार्यवाही प्रगति पर है|
- लेकिन कुल मिलाकर क्षेत्रीय लोगों को एक सुनियोजित साजिस रच कर एक सेवानिवृत सहायक अध्यापक और बाहरी लोगों के साथ विद्यालय की छवि खुद उस कर्मचारी द्वारा धूमिल की जा रही है।
- झूठे तथ्यों को परोसा जा रहा है और प्रयास किया जा रहा है।
- कि विद्यालय में कोई भी एडमिशन न होने पाये और बाहरी और अराजक लोगों को एक अड्डा उपलब्ध करा दिया गया है ।
क्षेत्रीय लोगों ने छात्र संख्या बढ़ाने में दिया सहयोग--
- क्षेत्रीय जनता का भी मत है कि विद्यालय खुलना चाहिए और इस अराजक कर्मचारी जो ताला लगा कर गायब है।
- शिक्षकों को बाहर बैठ कर ड्यूटी देनी पड़ रही है।
- उसके विरुद्ध कार्यवाही होनी चाहिए देखना होगा विभाग की सख्ती का असर अन्य विद्यालय के बेलगाम कर्मचारियों पर कितना पड़ता है।
24th May, 2016