लखनऊ:-
विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव जिस प्रकार विकास के दावे कर रहे हैं उसमें उन्हीं की पार्टी के लोग पलीता लगा रहे हैं। लगभग साढ़े चार वर्षों के अवधि में अखिलेश सरकार खराब कानून व्यवस्था के झंझावातों से जूझती रही है लेकिन तमाम दावों के बावजूद उसमें सुधार नहीं हो पाया है। सरकार की खराब कानून व्यवस्था को लेकर केवल विपक्ष ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री के पिता और सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव भी लगातार चेतावनी देते रहे हैं। प्रदेश के अन्य हिस्सों की तो अलग बात है, राजधानी लखनऊ भी सपा के दबंग व अराजक कार्यकर्ताओं के कारण कई बार शर्मसार हुई है।
हाल ही में लखनऊ में सपा नेता एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विजय बहादुर यादव ने गाव वालों की ज़मीन जबरन कबजाने के लिए जिस प्रकार का तांडव किया उससे सपा के मनबढ़ नेताओं की गुंडई की पराकाष्ठा ही कहा जा सकता है। हालात ये है कि एक सप्ताह से चल रही इस गुंडई के खिलाफ पुलिस प्रशासन व सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव इस पर सरकार को खरी-खोटी नहीं सुनाते तो भी विजय यादव कि इस गुंडई के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होती।
सपा सरकार में ये गुंडई तब हो रही है जब राज्य के 80% थानों पर थाना अध्यक्ष यादव बिरदरी के हैं और भूमि कबजाने व गुंडई कि तमाम घटनाओं के पीछे भी बिरादरी के लोगों का ही नाम आ रहा है। कुछ सांप्रदायिक घटनाओं में ही मुस्लिम व अन्य वर्ग के लोगों का नाम सामने आया है। किसी सरकार में जातीवाद का ऐसा संरक्षण समाज को खतरनाक मोड़ पर ले जाता है। ऐसे समय में मुलायम सिंह कि चेतावनी अखिलेश सरकार के लिए कालीदास की कुल्हाड़ी के समान ही साबित होगी। अखिलेश को चुनाव से पहले अपने विकास एजेंडे को जनता के बीच ले जाने के लिए ऐसे रोगग्रस्त अंगों को बाहर करना ही लाज़मी होगा।