वाराणसी
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रविवार को गंगा की उफनाती लहरों के बीच मालवाहक जहाज ‘वीवी गिरि’ ने शाम को बनारस बॉर्डर पर दस्तक दी। आज सोमवार को यह जहाज रामनगर के आगे बनारस टर्मिनल पर लंगर डालेगा। हालांकि, उल्टी धारा और तेज प्रवाह के चलते जहाज बनारस तक का सफर पूरा नहीं कर सका अंधेरा होने पर इसे शहर की सीमा से करीब 15 किलोमीटर दूर बलुआ घाट पर ही रोक दिया गया, और इसी के पीछे चला दूसरा जहाज "जय वासुदेव" भी एक दो दिने में बनारस पहुचेंगा।
इसी महीने शुरु होगा ट्रायल
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- 1620 किलोमीटर लम्बे इनलैंड वॉटर हाईवे-वन पर बनारस से हल्दिया तक जहाजों से माल ढुलाई का ट्रायल इसी महीने शुरू होना है।
- मारुति कारों और खाद की बड़ी खेप ले जाने के लिए गुरुवार को पटना से चले छह सौ टन क्षमता वाले जहाज वीवी गिरि ने रविवार सुबह गाजीपुर का रुख किया।
- हालांकि, उल्टी धारा और तेज प्रवाह के चलते जहाज बनारस तक का सफर पूरा नहीं कर सका।
- अंधेरा होने पर इसे शहर की सीमा से करीब 15 किलोमीटर दूर बलुआ घाट पर रोक दिया गया।
- वीवी गिरि के पीछे चला दूसरा जहाज ‘जय वासुदेव’ भी एक-दो दिन में बनारस पहुंचेगा।
मिलेंगी ये सुविधाएं
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- इनलैंड वॉटर हाईवे-वन के तीन में से एक बनारस टर्मिनल के फर्स्ट फेज का काम शुरू हो गया है।
- 14 एकड़ में "175 करोड़ की लागत से बन रहे इस टर्मिनल में जहाजों के रुकने, लोड-अनलोड करने तथा स्टोरेज की सुविधा मिलेगी।
- इसे बनने में दो साल लगेंगे। सेकेंड फेज में टर्मिनल को नैशनल हाईवे-2 व रेल से जोड़ने के साथ ही यात्री जहाजों के लिए इंतजाम होंगे।
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11th July, 2016