गुलाम नबी, जतिन और पूनिया की तिकड़ी को चुनावी ज़िम्मेदारी
लखनऊ:-
काँग्रेस ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपने पुराने ब्राह्मण-मुस्लिम कार्ड को खेलने का मन बना लिया है। इस मामले में जहां गुलाम नबी आजाद को प्रदेश प्रभारी बनाकर वहीं प्रदेश अध्यक्ष के लिए जतिन प्रसाद का नाम फाइनल हो गया है। कोंग्रेसी सूत्रों का कहना है कि राहुल के विश्वशठा युवा जतिन के नाम पर सोनिया ने भी हामी भर दी है। प्रदेश अध्यक्ष के रूप में जतिन के नाम कि घोसना इसी माह होने कि संभावना है। इसी कड़ी में काँग्रेस में दलित नेता के रूप में उभरे पूर्व आईएएस अधिकारी पीएल पूनिया को भी महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी दी जानी है।
काँग्रेस के राजनीतिक प्रबन्धक प्रशांत किशोर कि रिपोर्ट के बाद उत्तर प्रदेश काँग्रेस का अगस्त माह में कायाकल्प होना है। जतिन के माध्यम से ब्राह्मण कार्ड को मजबूती देने के लिया काँग्रेस ने युवा ब्राह्मण नेताओं कि एक टीम बनाई है। इनके साथ मुस्लिम वर्ग को आकर्षित करने के लिए कई मुस्लिम नेताओं को भी दर्जी दी जाएगी। काँग्रेस कि नई रणनीति में युवा एवं बेदाग कार्यकर्ताओं को पदाधिकारी बनाकर चुनावी मैदान मैं उतारा जाएगा। इसी कड़ी में काँग्रेस ने पश्चिम में और मजबूती देने के लिए रालोद को साथ लेने का मन बनाया है।
अपनी कमज़ोर स्थिति को सुधारने में जुटी काँग्रेस नंबर गेम की रणनीति अपना रही है। प्रशांत किशोर ने जातीय गणित बैठाना शुरू कर दिया है। इस कड़ी में काँग्रेस ने जातीय आधार पर गठित कुछ छोटे राजनीतिक दलों को अपने पाले में लाने का प्रयास किया परंतु कमजोर धरातल पर खड़ी काँग्रेस के साथ आने में छुटभैया भी बचने लगे। अब राष्ट्रिय लोक दल ही बचा है जिससे काँग्रेस से चुनाव पूर्व गठबंधन होने के आसार बढ़ रहे हैं। रालोद को भी हाशिये में पहुँचने के बाद अपना अस्तित्व बचाने का संकट है और काँग्रेस को नंबर गेम बढ़ाने के लिए कुछ सहयोग की ज़रूरत है।
काँग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी को इस बार 50 से ज्यादा सीटें मिल जाति हैं तो दो साल बाद होने वाले लोक सभा चुनाव में केंद्र पर कडा प्रहार कर सकती है। विधानसभा सीटों कि इस गणित कि रणनीति में काँग्रेस ने सभी 403 सीटों पर चुनाव न लड़कर जीत कि संभावना वाली सीटों पर ज्यादा फोकस करने का मन बने है। काँग्रेस का रालोद से गठबंधन हो जाता है तो काँग्रेस रालोद को 50-100 सीटों देने को भी तैयार है। काँग्रेस का चुनावी अभियान 300 सीटों पर केन्द्रित करने कि योजना बन रही है। वर्तमान में काँग्रेस के 29 विधायक है तथा दूसरे से चौथे नंबर तह काँग्रेस के लगभग 150 प्रत्याशी थे। काँग्रेस इन्हीं सीटों पर अपना पूरा फोकस करने जा रही है। अन्य सीटों पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने के लिए चुनाव लड़ा जाएगा। काँग्रेस का मानना है कि पुराना वोट बैंक(ब्राह्मण,दलित व मुस्लिम) वापस आता है तो पार्टी को अच्छी कामयाबी मिल सकती है। काँग्रेस की चुनावी बागडोर गुलाम नबी आजाद, जतिन प्रसाद व पीएल पूनिया की तिकड़ी के हाथ होगी।
11th July, 2016