नई दिल्ली:- भारत में लोकतंत्र को संभालने वाले मंत्रियों और बाहुबलियों के ऊपर आपराधिक रिकॉर्ड होना कोई नई बात नही है। इन सभी को आपराधिक रिकॉर्ड होने के बाद भी लोकतंत्र की कुर्सी पर बैठा दिया जाता है। हाल ही में इस संबंध में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और नेशनल इलेक्शन वॉच (NEW) ने एक सर्वे किया। जिसमे राज्यवार मंत्रियों के खिलाफ चौका देने वाले आपराधिक माले सामने आए है। सर्वे के अनुसार भारत के 29 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के करीबन 609 मंत्रियों में से 210 पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। वहीं दूसरी ओर केंद्रीय मंत्रीमंडल के तकरीबन 78 मंत्रियों में से 24 पर केस दर्ज है। इस तरह 31 फीसदी केंद्रीय मंत्री और राज्य सरकारों के लगभग 34 फीसदी मंत्रियों के दामन पर जुर्म का दाग सभी को साफ साफ दिखाई दे रहा है।
कुछ के खिलाफ हैं गंभीर मुकदमे--
- देश के 78 मंत्रियों में से 24 मंत्री (31 फीसदी) अपराधी हैं।
- इनमें से 14 मंत्रियों (18 फीसदी) पर अपराध के गंभीर मुकदमे दर्ज हैं।
- 29 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के 609 मंत्रियों में से 210 मंत्री (34 फीसदी) अपराधी हैं।
- इनमें 113 मंत्रियों पर गंभीर मुकदमे दर्ज हैं।
मंत्रियों पर आपराधिक मामलो का DNA--
झारखण्ड पहले नंबर पर--
- इस लिस्ट में पहला नंबर झारखण्ड का है, जिसके 11 में से 9 (82 फीसदी) मंत्रियों के नाम आपराधिक मुकदमे दर्ज है।
आम आदमी पार्टी दूसरे नंबर पर --
- आम आदमी पार्टी वाली दिल्ली सरकार का है. इसके 7 में से 4 (57 फीसदी) मंत्री अपराधी हैं।
आंध्र प्रदेश--
- आंध्र प्रदेश से अलग हुए तेलंगाना के टीआरएस सरकार के 17 में से 9 (53 फीसदी) मंत्रियों की छवि आपराधिक है।
महाराष्ट्र--
- महाराष्ट्र की फड़नवीस सरकार के 39 मंत्रियों में से 18 (46 फीसदी) मंत्रियों काआपराधिक रिकॉर्ड रहा है।
बिहार--
- नीतीश कुमार की राजद गठबंधन वाली जंगलराज सरकार में 28 में से 11 मंत्री (39 फीसदी) अपराधी हैं।
उत्तराखंड--
- बगावत का बोझ झेल रहे उत्तराखंड की राज्य सरकार के 8 मंत्रियों की तुलना में 2 (25 फीसदी) मंत्रियों की छवि आपराधिक है।
क्लिक करे-- तिब्बत और भारत को जोड़ सकती है, हिमालय रेलवे : चीन
नई दिल्ली:- भारत में लोकतंत्र को संभालने वाले मंत्रियों और बाहुबलियों के ऊपर आपराधिक रिकॉर्ड होना कोई नई बात नही है। इन सभी को आपराधिक रिकॉर्ड होने के बाद भी लोकतंत्र की कुर्सी पर बैठा दिया जाता है। हाल ही में इस संबंध में एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और नेशनल इलेक्शन वॉच (NEW) ने एक सर्वे किया। जिसमे राज्यवार मंत्रियों के खिलाफ चौका देने वाले आपराधिक माले सामने आए है। सर्वे के अनुसार भारत के 29 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के करीबन 609 मंत्रियों में से 210 पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। वहीं दूसरी ओर केंद्रीय मंत्रीमंडल के तकरीबन 78 मंत्रियों में से 24 पर केस दर्ज है। इस तरह 31 फीसदी केंद्रीय मंत्री और राज्य सरकारों के लगभग 34 फीसदी मंत्रियों के दामन पर जुर्म का दाग सभी को साफ साफ दिखाई दे रहा है।
कुछ के खिलाफ हैं गंभीर मुकदमे--
- देश के 78 मंत्रियों में से 24 मंत्री (31 फीसदी) अपराधी हैं।
- इनमें से 14 मंत्रियों (18 फीसदी) पर अपराध के गंभीर मुकदमे दर्ज हैं।
- 29 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के 609 मंत्रियों में से 210 मंत्री (34 फीसदी) अपराधी हैं।
- इनमें 113 मंत्रियों पर गंभीर मुकदमे दर्ज हैं।
मंत्रियों पर आपराधिक मामलो का DNA--
झारखण्ड पहले नंबर पर--
- इस लिस्ट में पहला नंबर झारखण्ड का है, जिसके 11 में से 9 (82 फीसदी) मंत्रियों के नाम आपराधिक मुकदमे दर्ज है।
आम आदमी पार्टी दूसरे नंबर पर --
- आम आदमी पार्टी वाली दिल्ली सरकार का है. इसके 7 में से 4 (57 फीसदी) मंत्री अपराधी हैं।
आंध्र प्रदेश--
- आंध्र प्रदेश से अलग हुए तेलंगाना के टीआरएस सरकार के 17 में से 9 (53 फीसदी) मंत्रियों की छवि आपराधिक है।
महाराष्ट्र--
- महाराष्ट्र की फड़नवीस सरकार के 39 मंत्रियों में से 18 (46 फीसदी) मंत्रियों काआपराधिक रिकॉर्ड रहा है।
बिहार--
- नीतीश कुमार की राजद गठबंधन वाली जंगलराज सरकार में 28 में से 11 मंत्री (39 फीसदी) अपराधी हैं।
उत्तराखंड--
- बगावत का बोझ झेल रहे उत्तराखंड की राज्य सरकार के 8 मंत्रियों की तुलना में 2 (25 फीसदी) मंत्रियों की छवि आपराधिक है।
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6th August, 2016