नई दिल्ली
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इलाहाबाद में एम ए कान्वेन्ट स्कूल की प्रिंसिपल सहित आठ अध्यापकों ने स्कूल में राष्ट्रगान गाने की पाबंदी लगा देने पर इस्तीफ़ा दे दिया है। इसे लेकर अब बवाल मचा हुआ है और प्रशासन को जवाब देते नहीं बन रहा। इस्तीफा देने वाले टीचर्स का कहना है कि राष्ट्रगान गाना उन्हें संविधान से दिया गया मूल अधिकार है लेकिन स्कूल प्रबंधन ने जब उन्हें इसे गाने पर आपत्ति जाहिर की तो उन्होंने स्कूल छोड़ दिया है। इधर, स्कूल के मैनेजर का कहना है कि राष्ट्रगान में 'भारत भाग्य विधाता' के 'भारत' शब्द से उन्हें आपत्ति है। कारण पूछा तो कहा कि उसमें एक लाइन आती है जो हमारे धर्म के खिलाफ है। भारत भाग्य विधाता भारत हमारे भाग्य का विधाता कैसे हो सकता है, इस वजह से हम नहीं होने देंगे। मामला प्रशासन के पास पहुचने के बाद प्रशासन ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए है उसका कहना कि जांच के बाद स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
12 साल से राष्ट्रगान नहीं हुआ
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- इस स्कूल की स्थापना के बाद पिछले 12 साल से कभी राष्ट्रगान नहीं गाया गया।
- स्कूल की स्थापना के साथ ही इसमे यह तुगलकी फरमान आज भी जारी है कि यहां राष्ट्रगान नहीं गाया जाएगा।
- लंबे समय से इस तुगलकी फरमान के साये में जी रहे इस स्कूल की प्रिंसिपल और उसके साथ की आठ अध्यापिकाओं ने जब इसके खिलाफ आवाज उठाई तो प्रबंधन ने उन्हें स्कूल से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
- टीचरों का कहना है कि 15 अगस्त पर यहां प्रोग्राम होना था।
भारत भाग्य विधाता से ऐतराज
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- वहीं स्कूल के मैनेजर जियाउल हक़ की दलील है कि राष्ट्रगान की एक लाइन पर उन्हें गहरा ऐतराज है।
- जिसकी वजह से वह स्कूल में राष्ट्रगान को स्कूल में नहीं गाने दे सकते।
- प्रबंधक के मुताबिक़ राष्ट्रगान में भारत भाग्य विधाता का गान करना उनके मुताबिक़ इस्लाम के खिलाफ है क्योंकि अल्लाह के सिवाय और कोई उनका भाग्य भाग्य विधाता नहीं हो सकता है।
प्रशासन के पास जवाब नहीं
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- वहीं मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन को जवाब देते नहीं बन रहा है।
- जिला प्रशासन का कहना है कि मामले की जांच कराई जा रही है जिसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
- फिलहाल प्रारम्भिक जांच में यह बात सामने आई है कि नर्सरी से आठवीं तक चल रहे इस स्कूल को सरकार से कोई मान्यता ही नहीं प्राप्त है।
- जिला प्रशासन के कार्यालय से महज एक किलोमीटर के दायरे में स्थित इस स्कूल की मान्यता की जांच कभी प्रशासन ने क्यों नहीं की, इसका जवाब प्रशासन के पास नहीं है। ।
क्लिक करे-- कश्मीर को लेकर प्रधानमंत्री मोदी कब जागेंगे : उमर अब्दुल्ला
नई दिल्ली
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इलाहाबाद में एम ए कान्वेन्ट स्कूल की प्रिंसिपल सहित आठ अध्यापकों ने स्कूल में राष्ट्रगान गाने की पाबंदी लगा देने पर इस्तीफ़ा दे दिया है। इसे लेकर अब बवाल मचा हुआ है और प्रशासन को जवाब देते नहीं बन रहा। इस्तीफा देने वाले टीचर्स का कहना है कि राष्ट्रगान गाना उन्हें संविधान से दिया गया मूल अधिकार है लेकिन स्कूल प्रबंधन ने जब उन्हें इसे गाने पर आपत्ति जाहिर की तो उन्होंने स्कूल छोड़ दिया है। इधर, स्कूल के मैनेजर का कहना है कि राष्ट्रगान में 'भारत भाग्य विधाता' के 'भारत' शब्द से उन्हें आपत्ति है। कारण पूछा तो कहा कि उसमें एक लाइन आती है जो हमारे धर्म के खिलाफ है। भारत भाग्य विधाता भारत हमारे भाग्य का विधाता कैसे हो सकता है, इस वजह से हम नहीं होने देंगे। मामला प्रशासन के पास पहुचने के बाद प्रशासन ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए है उसका कहना कि जांच के बाद स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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इलाहाबाद में एम ए कान्वेन्ट स्कूल की प्रिंसिपल सहित आठ अध्यापकों ने स्कूल में राष्ट्रगान गाने की पाबंदी लगा देने पर इस्तीफ़ा दे दिया है। इसे लेकर अब बवाल मचा हुआ है और प्रशासन को जवाब देते नहीं बन रहा। इस्तीफा देने वाले टीचर्स का कहना है कि राष्ट्रगान गाना उन्हें संविधान से दिया गया मूल अधिकार है लेकिन स्कूल प्रबंधन ने जब उन्हें इसे गाने पर आपत्ति जाहिर की तो उन्होंने स्कूल छोड़ दिया है। इधर, स्कूल के मैनेजर का कहना है कि राष्ट्रगान में 'भारत भाग्य विधाता' के 'भारत' शब्द से उन्हें आपत्ति है। कारण पूछा तो कहा कि उसमें एक लाइन आती है जो हमारे धर्म के खिलाफ है। भारत भाग्य विधाता भारत हमारे भाग्य का विधाता कैसे हो सकता है, इस वजह से हम नहीं होने देंगे। मामला प्रशासन के पास पहुचने के बाद प्रशासन ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए है उसका कहना कि जांच के बाद स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
12 साल से राष्ट्रगान नहीं हुआ
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- इस स्कूल की स्थापना के बाद पिछले 12 साल से कभी राष्ट्रगान नहीं गाया गया।
- स्कूल की स्थापना के साथ ही इसमे यह तुगलकी फरमान आज भी जारी है कि यहां राष्ट्रगान नहीं गाया जाएगा।
- लंबे समय से इस तुगलकी फरमान के साये में जी रहे इस स्कूल की प्रिंसिपल और उसके साथ की आठ अध्यापिकाओं ने जब इसके खिलाफ आवाज उठाई तो प्रबंधन ने उन्हें स्कूल से बाहर का रास्ता दिखा दिया।
- टीचरों का कहना है कि 15 अगस्त पर यहां प्रोग्राम होना था।
भारत भाग्य विधाता से ऐतराज
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- वहीं स्कूल के मैनेजर जियाउल हक़ की दलील है कि राष्ट्रगान की एक लाइन पर उन्हें गहरा ऐतराज है।
- जिसकी वजह से वह स्कूल में राष्ट्रगान को स्कूल में नहीं गाने दे सकते।
- प्रबंधक के मुताबिक़ राष्ट्रगान में भारत भाग्य विधाता का गान करना उनके मुताबिक़ इस्लाम के खिलाफ है क्योंकि अल्लाह के सिवाय और कोई उनका भाग्य भाग्य विधाता नहीं हो सकता है।
प्रशासन के पास जवाब नहीं
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- वहीं मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन को जवाब देते नहीं बन रहा है।
- जिला प्रशासन का कहना है कि मामले की जांच कराई जा रही है जिसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
- फिलहाल प्रारम्भिक जांच में यह बात सामने आई है कि नर्सरी से आठवीं तक चल रहे इस स्कूल को सरकार से कोई मान्यता ही नहीं प्राप्त है।
- जिला प्रशासन के कार्यालय से महज एक किलोमीटर के दायरे में स्थित इस स्कूल की मान्यता की जांच कभी प्रशासन ने क्यों नहीं की, इसका जवाब प्रशासन के पास नहीं है। ।
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7th August, 2016