नई दिल्ली
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केंद्रीय कैबिनेट ने मैटरनिटी बैनिफिट एक्ट 1961 में बदलाव को अपनी मंजूरी दे दी है। अगर ये बिल आज संसद में पास हो जाता है तो निजी कंपनियों में काम करने वाली महिलाओं को भी 12 हफ्ते की जगह 26 हफ्ते की मैटरनिटी लीव मिल सकेगी। कैबिनेट ने इसके साथ ही कारखाना अधिनियम में संशोधनों को भी मंजूरी दे दी, जिसे संसद के चल रहे मानसून सत्र में पहले ही पेश किया जा चुका है। सरकारी कर्मचारियों को ये सुविधा पहले से ही मिल रही है।
गर्भवती महिलाओं को मिलेगी 26 हफ़्ते की छुट्टी
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- नए बिल में ये भी प्रस्ताव है कि जो महिला किसी बच्चे को गोद लेती है तो उसे 12 हफ्ते की छुट्टी दी जाएगी।
- 50 से ज्यादा कर्मचारियों वाले दफ़्तर को बच्चों की देखभाल के लिए अपने यहां एक क्रैच भी बनाना होगा।
- बिल को आज संसद में पेश किया जा सकता है।
- यह 10 या इससे अधिक कर्मचारियों को काम पर रखने वाले सभी प्रतिष्ठानों पर लागू होगा।
- इससे संगठित क्षेत्र में 18 लाख महिला कर्मचारी लाभांवित होंगी।
क्लिक करे-- राजधानी में बदमाशों का आंतक, एक साथ चार घरों में लूट
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केंद्रीय कैबिनेट ने मैटरनिटी बैनिफिट एक्ट 1961 में बदलाव को अपनी मंजूरी दे दी है। अगर ये बिल आज संसद में पास हो जाता है तो निजी कंपनियों में काम करने वाली महिलाओं को भी 12 हफ्ते की जगह 26 हफ्ते की मैटरनिटी लीव मिल सकेगी। कैबिनेट ने इसके साथ ही कारखाना अधिनियम में संशोधनों को भी मंजूरी दे दी, जिसे संसद के चल रहे मानसून सत्र में पहले ही पेश किया जा चुका है। सरकारी कर्मचारियों को ये सुविधा पहले से ही मिल रही है।
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- नए बिल में ये भी प्रस्ताव है कि जो महिला किसी बच्चे को गोद लेती है तो उसे 12 हफ्ते की छुट्टी दी जाएगी।
- 50 से ज्यादा कर्मचारियों वाले दफ़्तर को बच्चों की देखभाल के लिए अपने यहां एक क्रैच भी बनाना होगा।
- बिल को आज संसद में पेश किया जा सकता है।
- यह 10 या इससे अधिक कर्मचारियों को काम पर रखने वाले सभी प्रतिष्ठानों पर लागू होगा।
- इससे संगठित क्षेत्र में 18 लाख महिला कर्मचारी लाभांवित होंगी।
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11th August, 2016