लखनऊ
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राजधानी लखनऊ में इन दिनों डेंगू का कहर बढता जा रहा है। सोमवार को डेंगू ने दो और मरीजों की सांसें छीन लीं। राजधानी में अब तक डेंगू से 12 लोगो की सांसें थम चुकी है तो वही 45 मरीजों में डेगू की पुष्टी भी हो चुकी है। केजीएमयू और एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती दो मरीजों नें सोमवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। मिली सुचना के मुताबिक केजीएमयू के गांधी वार्ड में भर्ती दो और मरीजों की हालत नाजुक बनी हुई है।
डॅा ए के ठक्कर के अनुसार
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डेंगू के बढते कहर को देखते हुए हमने राम मनोंहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के न्यूरोलॅाजी विभाग के हेड आफ डिपार्टमेंट डॅा ए के ठक्कर से पुछा की डेंगू का न्यूरो के मरीजे पर क्या प्रभाव पड़ता है तो उन्होंने बताया की आम मरीजो की तरह ही न्यूरो के मरीजो पर इसका असर पडता है और न्यूरो के मरीजो को आम मरीजों की तरह ही सावधानी बरतने की जरुरत होती है।
डॅा ठक्कर ने बताया की डेंगू बुखार के लक्षण आम बुखार से थोड़े अलग होते हैं। बुखार बहुत तेज़ होता है। साथ में कमज़ोरी हो जाती है और चक्कर आते हैं, मांशपेशियों में कमजोरी आ जाती है और उठने बैठने में परेशानी होने लगती है। डेंगू के मरीजों को पानी ज्यादा पीना चाहिए और फलों का रस लेना चाहिए।
डैंगू का काऱण
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गर्मी के बाद बदलता मौसम बारिश की बूंदों की आहट के साथ आता है। और मॉनसून के बाद जब मौसम दोबारा करवट लेता है तो ठंडी हवाओं की मीठी चुभन लेकर आता है। लेकिन बदलते मौसम की इन खुशनुमा घड़ियों में ही छुपी हैं कई बीमारियां। इस बदलते मौसम में पनपता है एडीज मच्छर जो अपने साथ फैलाता है डेंगू बुखार। और ये बुखार इतना खतरनाक हो सकता है कि इससे मरीज जान भी जा सकती है।
गौरतलब है कि ये बुखार बारिश के मौसम में और बदलते मौसम में फैलता है। इस बीमारी की जड़ है एडीज मच्छर। इसी मच्छर के काटने से डैंगू बुखार होता है।
इन बातो का रखे विशेष ध्यान
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- अक्सर बुखार होने पर लोग घर पर क्रोसिन जैसी दवाओं से खुद ही अपना इलाज करते हैं।
- लेकिन डेंगू बुखार के लक्षण दिखने पर थोड़ी देर भी भारी पड़ सकती है।
- लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं और प्लेटलेट्स काउंट चेक कराएं।
- डेंगू बुखार पाए जाने के बाद भी कई लोग घर में रहकर ही अपनी प्लेटलेट काउंट, ब्लड प्रेशर वगैरह नाप कर इलाज करना पसंद करते हैं।
डॉक्टरों के मुताबिक घर में इलाज करते हुए कुछ खास चीज़ों का ध्यान रखना चाहिए। अगर पानी पीने और कुछ भी खाने में दिक्कत हो और बार-बार उल्टी आए तो डीहाइड्रेशन का खतरा हो जाता है। ये लिवर एन्ज़इम्स में गड़बड़ का सूचक होता है। प्लेटलेट्स के कम होने या ब्लड प्रेशर के कम होने या हीमाटाइट यानी खून का घनापन बढ़ने को भी खतरे की घंटी मानना चाहिए। साथ ही अगर खून आना शुरू हो जाए तो तुरंत अस्पताल ले जाना अनिवार्य हो जाता है।
23rd December, 2016