नई दिल्ली
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है। केंद्रीय कैबिनेट ने आतंकी हमलों और गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिवार को मिलने वाले मुआवजे की राशि बढ़ा दी है, वहीं पहली बार सीमा पार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लोगों को भी मुआवजा देने का फैसला किया।
इसके साथ ही नक्सली हिंसा और सांप्रदायिक हिंसा में मारे जाने वालों के परिवार को मिलने वाले मुआवजे में भी भारी बढ़ोतरी की गई है। इसके साथ ही नक्सल, सांप्रदायिक और आतंकी हिंसा में मारे जाने वाले लोगों के परिवार वालों को मिलने वाली मुआवजा राशि को भी बढ़ाकर तीन लाख रुपये से पांच लाख रुपये कर दिया गया है। पाक की ओर से होने वाली गोलीबारी में हुई मौतों के लिए मुआवजे की मांग काफी लंबे समय से हो रही थी। 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर में दीवाली मनाने गए थे, तो उन्हें इसके लिए कई प्रतिवेदन सौंपे गए थे।
नहीं मिलता मुआवजा:-
- कैबिनेट ने गोलीबारी में मारे गए परिवार वालों को भी पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का फैसला किया।
- पाकिस्तान की ओर से 220 किलोमीटर की अंतरराष्ट्रीय सीमा और 770 किलोमीटर की नियंत्रण रेखा पर लगातार गोलीबारी होती रहती है।
- हर साल इस गोलीबारी में औसतन 50 लोग मारे जाते हैं।
- अभी तक उनके परिवार को कोई मुआवजा नहीं मिलता था।
अपंगता पर भी मुआवजा:-
- गोलीबारी में घायल होने के कारण 50 फीसदी अपंगता की स्थिति में भी यह मुआवजा दिया जाएगा।
- सीमा के नजदीक रहने वाले लोगों के लिए गोलीबारी के दौरान छुपने के लिए विशेष बंकर भी बना रही है।
- इनके बनने से स्थानीय ग्रामीण को दूसरी जगहों पर भागने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
क्लिक करे-- शारदा घोटाले में ईडी ने भेजा नलिनी चिदंम्बरम को समन
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है। केंद्रीय कैबिनेट ने आतंकी हमलों और गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिवार को मिलने वाले मुआवजे की राशि बढ़ा दी है, वहीं पहली बार सीमा पार पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लोगों को भी मुआवजा देने का फैसला किया।
नहीं मिलता मुआवजा:-
- कैबिनेट ने गोलीबारी में मारे गए परिवार वालों को भी पांच लाख रुपये का मुआवजा देने का फैसला किया।
- पाकिस्तान की ओर से 220 किलोमीटर की अंतरराष्ट्रीय सीमा और 770 किलोमीटर की नियंत्रण रेखा पर लगातार गोलीबारी होती रहती है।
- हर साल इस गोलीबारी में औसतन 50 लोग मारे जाते हैं।
- अभी तक उनके परिवार को कोई मुआवजा नहीं मिलता था।
अपंगता पर भी मुआवजा:-
- गोलीबारी में घायल होने के कारण 50 फीसदी अपंगता की स्थिति में भी यह मुआवजा दिया जाएगा।
- सीमा के नजदीक रहने वाले लोगों के लिए गोलीबारी के दौरान छुपने के लिए विशेष बंकर भी बना रही है।
- इनके बनने से स्थानीय ग्रामीण को दूसरी जगहों पर भागने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
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25th August, 2016