यूरिड मीडिया डेस्क
:-
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को सुप्रीम कोर्ट नें बुकन्दशहर रेप कांड को राजनीतिक साजिश बताने के लिए सोमवार को सुनवाई के दौरान फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि, क्या प्रशासनिक स्तर पर बैठा या सरकार के अहम ओहदे पर बैठा व्यक्ति ये कह सकता है कि इस तरह की घटनाएं राजनीतिक साजिश के तहत होती हैं. जबकि घटना से व्यक्ति का कोई लेना-देना ना हो। क्या राज्य सरकार और कानून व्यवस्था को बरकरार रखने की जिम्मेदारी वाला शख्स ऐसे बयानों की अनुमति दे सकता है जिसका असर पीड़िता पर पड़ेगा और वो निष्पक्ष जांच में अपना विश्वास खो देगी. क्या ये संविधान द्वारा दिए गए बोलने के अधिकार की सीमा को पार करना नहीं है।
- सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और आजम खान को नोटिस जारी कर 3 हफ्ते में जवाब मांगा है।
- सुप्रीम कोर्ट ने फली एस नरीमन को कोर्ट का सलाहकार नियुक्त किया है।
- कोर्ट ने नोटिस जारी कर 4 सवालों के जवाब उत्तर प्रदेश सरकार से पूछे हैं।
कोर्ट नें यह सवाल पूछे-
- क्या कोई संवैधानिक पद पर बैठा शख्स इस तरह का बयान दे सकता है जिससे उसका कोई सरोकार नहीं है और जिससे पीड़िता का व्यवस्था पर भरोसा कम हो और उसके मन में जांच को लेकर शंका पैदा हो.
- क्या 'राज्य' जो जनता का संरक्षक होता है, इस तरह के बयान देने की इजाजत दे सकता है जिससे की निष्पक्ष जांच को लेकर संशय पैदा हो?
- क्या इस तरह का बयान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अंदर आता है?
- क्या इस तरह का बयान जो अपने बचाव में न हो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में आता है?
पीड़ित मां-बेटी ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है कि मुकदमे को दिल्ली ट्रांसफर करने के साथ ही अपनी निगरानी में सीबीआई जांच कराए। साथ ही परिवार की सुरक्षा और नाबालिग पीड़िता की शिक्षा आदि का इंतजाम करने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए।
यूरिड मीडिया डेस्क
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समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को सुप्रीम कोर्ट नें बुकन्दशहर रेप कांड को राजनीतिक साजिश बताने के लिए सोमवार को सुनवाई के दौरान फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि, क्या प्रशासनिक स्तर पर बैठा या सरकार के अहम ओहदे पर बैठा व्यक्ति ये कह सकता है कि इस तरह की घटनाएं राजनीतिक साजिश के तहत होती हैं. जबकि घटना से व्यक्ति का कोई लेना-देना ना हो। क्या राज्य सरकार और कानून व्यवस्था को बरकरार रखने की जिम्मेदारी वाला शख्स ऐसे बयानों की अनुमति दे सकता है जिसका असर पीड़िता पर पड़ेगा और वो निष्पक्ष जांच में अपना विश्वास खो देगी. क्या ये संविधान द्वारा दिए गए बोलने के अधिकार की सीमा को पार करना नहीं है।
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समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को सुप्रीम कोर्ट नें बुकन्दशहर रेप कांड को राजनीतिक साजिश बताने के लिए सोमवार को सुनवाई के दौरान फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि, क्या प्रशासनिक स्तर पर बैठा या सरकार के अहम ओहदे पर बैठा व्यक्ति ये कह सकता है कि इस तरह की घटनाएं राजनीतिक साजिश के तहत होती हैं. जबकि घटना से व्यक्ति का कोई लेना-देना ना हो। क्या राज्य सरकार और कानून व्यवस्था को बरकरार रखने की जिम्मेदारी वाला शख्स ऐसे बयानों की अनुमति दे सकता है जिसका असर पीड़िता पर पड़ेगा और वो निष्पक्ष जांच में अपना विश्वास खो देगी. क्या ये संविधान द्वारा दिए गए बोलने के अधिकार की सीमा को पार करना नहीं है।
- सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार और आजम खान को नोटिस जारी कर 3 हफ्ते में जवाब मांगा है।
- सुप्रीम कोर्ट ने फली एस नरीमन को कोर्ट का सलाहकार नियुक्त किया है।
- कोर्ट ने नोटिस जारी कर 4 सवालों के जवाब उत्तर प्रदेश सरकार से पूछे हैं।
कोर्ट नें यह सवाल पूछे-
- क्या कोई संवैधानिक पद पर बैठा शख्स इस तरह का बयान दे सकता है जिससे उसका कोई सरोकार नहीं है और जिससे पीड़िता का व्यवस्था पर भरोसा कम हो और उसके मन में जांच को लेकर शंका पैदा हो.
- क्या 'राज्य' जो जनता का संरक्षक होता है, इस तरह के बयान देने की इजाजत दे सकता है जिससे की निष्पक्ष जांच को लेकर संशय पैदा हो?
- क्या इस तरह का बयान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अंदर आता है?
- क्या इस तरह का बयान जो अपने बचाव में न हो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में आता है?
पीड़ित मां-बेटी ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है कि मुकदमे को दिल्ली ट्रांसफर करने के साथ ही अपनी निगरानी में सीबीआई जांच कराए। साथ ही परिवार की सुरक्षा और नाबालिग पीड़िता की शिक्षा आदि का इंतजाम करने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए।
29th August, 2016