लखनऊ-- सियासत में रिश्तों का रंग भी घुला हो तो आंखें डबडबाती हैं और फैसले कठोर हो जाते हैं। शुक्रवार को जब बेटे पर कार्रवाई का फैसला सुनाने मुलायम सिंह यादव मीडिया के सामने आए तो उनके चेहरे पर बेबसी, हताशा तो नजर आ ही रही थी, लेकिन बेटे को सपा से निष्कासित करने का फैसला सुनाते हुए आंखें नम भी हुईं। लेकिन आज उनके जीवन की सबसे बड़ी परीक्षा है जिसमें वह पहली बार अपने पुत्र के सामने हैं। अब देखना है कि मुलायम इस परीक्षा में पास होते हैं अथवा फेल।
शुक्रवार सुबह बड़े नेताओं में बेनी वर्मा सबसे पहले मुलायम सिंह से मिलने उनके घर पहुंचे। कुछ देर बाद आशु मलिक विक्रमादित्य मार्ग पहुंचे। मुलायम के घर से निकले बेनी सीधे शिवपाल के यहां पहुंच गए। दोनों के बीच चर्चा हुई। फिर बेनी के साथ शिवपाल और अंबिका भी मुलायम के घर पहुंचे।
शाम साढ़े छह बजे मुलायम सामने आये। उस समय उनके चेहरे पर बेबसी, हताशा झलक रही थी। वह कुछ देर चुप रहे। फिर पूछा कि क्या ये लाइव है? हां में जवाब मिलते ही कहा- चलो अच्छा हुआ। ये लाइव जा रहा है। फिर जब रामगोपाल पर कार्रवाई की घोषणा कर मुलायम शिवपाल की ओर घूमे तो उन्होंने कान में कुछ कहा। ऐसा प्रतीत हुआ कि शिवपाल ने मुलायम से कहा-'अखिलेश वाला कर दीजिए। मुलायम ने फिर पूछा, क्या? इस पर शिवपाल ने कहा-टाइप हो रहा है। मुलायम फिर बोले- बोल दें? शिवपाल ने कहा- हां, इस पर मुलायम ने अखिलेश को भी 6 साल के लिए बाहर कर दिया। हालांकि, अखिलेश को निकालने का एलान किया, उस समय उनकी जुबान लडख़ड़ाई। आंखें नम हुई...और जब यह पूछा गया कि अखिलेश के माफी मांगने पर माफ कर देंगे? तब मुलायम का चेहरा थोड़ा सामान्य हुआ। संभले और कहा वह कहां ऐसा करेगा, पता नहीं पिता मानता भी है कि नहीं? फिर बोले, माफी मांगेगा तो विचार कर लेंगे। यही वह पंक्तियां है, जिन्हें बोलते ही कठोर इरादों वाले मुलायम का चेहरा पुत्र के प्रति कार्रवाई की पीड़ा में डूबता नजर आया। लंबे राजनीतिक जीवन में पत्रकार वार्ता खत्म करने के बाद बहुत-बहुत धन्यवाद कहने वाले मुलायम ने इस बार यह भी नहीं कहा
31st December, 2016