नई दिल्ली-- यूपी में विधानसभा चुनाव से पहले मुलायम सिंह यादव परिवार बिखर चुका है. एसपी मुखिया मुलायम सिंह यादव ने शुक्रवार को अनुशासनहीनता के आरोप में बेटे अखिलेश और चचेरे भाई रामगोपाल यादव को 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया. मुलायम ने कहा कि रामगोपाल अखिलेश का भविष्य खराब कर रहे हैं. उन्होंने बिना हक पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाने का ऐलान किया है. एसपी मुखिया ने कहा कि इन सबमें अखिलेश भी रामगोपाल के साथ हैं, लिहाजा दोनों को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है. इस डेवलेपमेंट के बाद बैठकों का दौर शुरु हो गया है.
मुलायम से मिलने के बाद अपने घर निकले अखिलेश यादव. दोनों के बीच करीब एक घंटा बैठक चली. इस बैठक में रामगोपाल-अखिलेश यादव के निष्कासन रद्द करने पर चर्चा हुई है. बैठक में अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की मांग भी की गई है. हालांकि मुलायम की तरफ से क्या शर्ते रखी गई हैं, इस बात की जानकारी नहीं है.
मुलायम सिंह यादव के समर्थक और अखिलेश यादव के समर्थक मुलायम के दफ्तर के बाहर आपस में भिड़ गए हैं. दोनों पक्षों के समर्थक अखिलेश और मुलायम के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं.
अखिलेश यादव ने सुलह की शर्तों के साथ 207 विधायकों की लिस्ट मुलायम सिंह के घर पहुंचकर उन्हें सौंपी हैं. इस बैठक में मुलायम ने शिवपाल यादव को भी बुलाया गया है.
मुलायम सिंह को लेकर सपा नेता अबु आजमी ने दिया बड़ा बयान, कहा- उनके साथ सब दलाल जमा हो गए हैं, सब गलत राय दे रहे हैं.
मुलायम सिंह और अखिलेश यादव के बीच सुलह के तीन फॉर्मुले सामने आए हैं. पहला- अमर सिंह को पार्टी से निकाल दिया जाए. दूसरा- अखिलेश यादव को पार्टी का अध्यक्ष घोषित कर दिया जाए और मुलायम सिंह यादव संरक्षक के तौर पर रहें. और तीसरा- दो जनवरी को होने वाली बैठक को रद्द कर दिया जाए.
आजम खान सपा का झगडा सुलझाने की कोशिश में लगे हैं और अखिलेश यादव को अपने साथ लेकर मुलायम सिंह यादव के घर पहुंचे हैं. इन दोनों के साथ अबु आज़मी भी हैं.
बैठक में अखिलेश यादव से बोले विधायक- जनता ने आप पर भरोसा दिखाया है, नेता जी का सम्मान और आपका नेतृत्व
बैठक में रो पड़े अखिलेश यादव और कहा, ‘पिता को उत्तर प्रदेश जीत कर तोहफा दूँगा. मैं पिता से अलग नहीं हूं.’
लालू प्रसाद यादव ने मुलायम सिंह से बात की और कहा- सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ एकजुट रहने की जरूरत है.
सपा के वरिष्ठ नेता बेनी प्रसाद वर्मा बैठक में शामिल होने के लिए मुलायम सिंह यादव के घर पहुंचे.
अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह पर भारी पड़ते दिख रहे हैं. अब तक अखिलेश की बैठक में 198 विधायक पहुंच चुके हैं. जानें- कैसे बच सकती है अखिलेश यादव की सरकार, क्या है पूरा नंबर गेम!
मुलायम सिंह यादव की बैठक में अभी तक 73 उम्मीदवार और सिर्फ 11 विधायक पहुंचे. सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए मुलायम के घर के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है.
सपा नेता अतीक अहमद ने कहा- नेता हमारे मुलायम सिंह हैं जबकि मुख्यमंत्री के तौर पर अखिलेश यादव हमारी पसंद हैं.
आजम खान आज दोपहर तीन बजे बैठक करेंगे. कुछ देर पहले ही आजम खान ने कहा है कि वो अखिलेश और मुलायम में से किसी की भी बैठक में शामिल नहीं होंगे.
अखिलेश के घर के बाहर समर्थकों की भारी भीड़ उमड़ी, सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए.
अखिलेश यादव की बैठक के लिए विधायकों और मंत्रियों का उनके आवास पर पहुंचना शुरू. फिलहाल 100 विधायक और 12 मंत्री पहुंच चुके हैं. इस बैठक में मोबाइल ले जाने की इजाजत नहीं है.
बीजेपी सांसद सत्यपाल सिंह ने कहा- ये पारिवारिक ड्रामा लगता है क्योंकि मोदी जी आयाम पर लाए हैं राजनीति को कि गुंडे प्रवृति के लोग राजनीति में ना हों. धीरे-धीरे सपा से गुंडे तत्व दूर हो रहे हैं और अखिलेश जी एक नेता के रूप में उभरेंगे.
सपा के प्रवक्ता पद से त्यागपत्र देने वाली जूही सिंह ने कहा- जब मेरे मुख्यमंत्री को निकाल दिया गया है तो ये मेरा दायित्व बनता है कि मैं भी प्रवक्ता के पद से त्याग पत्र दे दूं. मैं नेता जी के खिलाफ नहीं हूं लेकिन अपने मुख्यमंत्री के साथ खड़ी हूं.
परिवार में फूट पर पहली बार बोले अमर सिंह ने अपनी चुप्पी तोड़ी है. अमर सिंह ने कहा, ‘आज तो कुछ ऐसा लग रहा है कि राम चंद्र कह गए सिया से ऐसा कलयुक आएगा, बेटा करेगा राज बेचारा बाप जंगल को जाएगा. राजनीति में ये जो कुछ हो रहा है ये बिल्कुल गलत है. मैं अपना पूरा समर्थन नेता जी को देता हूं. उनकी अवमानना पार्टी का अनुशासन भंग करने के समान है. उनके (मुलायम) के विरूद्ध कितने भी बड़े लोग जो कुछ भी काम कर रहे हैं, वो बिल्कुल असंवैधानिक, अनैतिक और गलत है.’
आज सुबह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने अखिलेश यादव को फोन किया और कहा कि वो अखिलेश के साथ हैं. ममता ने कहा- डटे रहो हम तुम्हारे साथ हैं.
कल क्या हुआ-
सपा प्रमुख ने शुक्रवार को अखिलेश और महासचिव रामगोपाल को कारण बताओ नोटिस जारी करने के महज पौन घंटे के अंदर दोनों को पार्टी से निकालने का फरमान सुना दिया. उन्होंने कहा कि पार्टी बचाने के लिये उन्हें ऐसा सख्त कदम उठाया है. मुलायम ने रामगोपाल द्वारा आगामी एक जनवरी को पार्टी के राष्ट्रीय प्रतिनिधि सम्मेलन बुलाये जाने को अवैध करार देते हुए कहा कि इसका अधिकार केवल राष्ट्रीय अध्यक्ष को है. रामगोपाल के कदम से पार्टी को नुकसान हुआ है और चूंकि रामगोपाल के कृत्य में अखिलेश का भी समर्थन है, इसलिये उन्हें भी पार्टी से छह साल के लिये निकाल दिया गया है.
रामगोपाल यादव ने उन्हें और अखिलेश को निष्कासित करने के फैसले को अवैध बताया है और पार्टी प्रमुख पर असंवैधानिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया. बागी रामगोपाल ने कहा कि वह अब भी सपा के महासचिव हैं और रविवार को उनके द्वारा बुलाई गई बैठक किसी भी हालत में होगी
31st December, 2016