नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में चुनावों के दौरान किसानों से किया एक बड़ा वादा निभाया है. राज्य सरकार ने किसानों की कर्जमाफी की घोषणा कर पीएम मोदी के एक चुनावी वादे को पूरा कर दिया है. हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार के फैसले को किसानों के साथ धोखा बताया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, वादा पूर्ण कर्जमाफी का था, किसी सीमा का नहीं. एक लाख की सीमा से करोड़ों किसान ठगा महसूस कर रहे हैं. ये ग़रीब किसानों के साथ धोखा है.
कांग्रेस ने भी उत्तर प्रदेश सरकार के किसान कर्ज माफी के फैसले को 'अधूरा वादा' बताया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को किसानों से किए वादे पूरी तरह से पूरे करने चाहिए. कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि किसान पूरी ऋण माफी से ही अपने पैरों पर खड़े हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के किसानों पर 92,241 करोड़ रुपये का कुल कर्ज है और सरकार ने केवल 36 हजार करोड़ का फसल ऋण माफ किया है. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा ने इस कदम की घोषणा करके किसानों को केवल 'बेवकूफ' बनाया है.
यूपी विधानसभा चुनावों के घोषणापत्र में बीजेपी ने छोटे और सीमांत किसानों द्वारा लिए गए बैंक लोन को माफ करने का वादा किया था. राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने भी कहा था कि यदि बीजेपी की सरकार बनी तो कैबिनेट की पहली बैठक में इस बारे में फैसला लिया जाएगा.
मंगलवार को योगी आदित्यनाथ कैबिनेट की पहली बैठक के बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि यूपी में 2 करोड़ 15 लाख लघु और सीमांत किसान हैं. इन किसानों का 30,729 करोड़ रुपये का ऋण माफ कर दिया गया है. इन किसानों का 1 लाख रुपये तक का फ़सली ऋण माफ किया जाएगा. जिन लोगों ने एक लाख तक की फसली ऋण लिया है उनके खाते से इतनी राशि माफ कर दी जाएगी. इसके अलावा सात लाख किसानों का 5630 करोड़ रुपये का एनपीए माफ किया गया है. कुल मिलाकर सरकार ने किसानों का 36,359 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया है.
5th April, 2017