कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आखिरकार मान ही लिया कि दिल्ली कांग्रेस में सब ठीक नहीं चल रहा है. उन्होंने कहा कि वह जल्द ही सभी समस्याओं को सुलझा लेंगे. उत्तराखंड में बड़ी हार के बाद कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने आजतक से कहा था कि हमारे एक दर्जन से ज़्यादा नेता कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में चले गए और चुनाव भी जीत गए. वे क्यों गए, अब इसकी वजहों पर पार्टी के भीतर चर्चा जरूर होगी. इसके बावजूद दिल्ली में भी प्रदेश नेतृत्व के खिलाफ जमकर नाराज़गी और नाराज़ नेताओं की लंबी फेहरिस्त नज़र आ रही है.नाखुश नेता और पूर्व सांसद संदीप दीक्षित आजतक से बातचीत में कह चुके हैं कि माकन घटिया काम कर रहे हैं. दिल्ली कांग्रेस बिज़नेस हाउस की तरह काम कर रही है. तमाम नेता नाराज़ हैं और कुछ छोड़कर चले गए हैं. उनको डर है कि कहीं दिल्ली उत्तराखंड की राह पर न चल पड़े. दरअसल, उत्तराखंड में भी राहुल गांधी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत को खुली छूट दी थी. 10 से ज़्यादा कद्दावर विधायकों और मंत्रियों की कहीं सुनवाई नहीं हुई और वे सब बीजेपी में चले गए और चुनाव जीते. वैसे ही दिल्ली में राहुल गांधी का हाथ अजय माकन के साथ है.
माकन पर मनमानी का आरोप
शीला धड़े का आरोप है कि एमसीडी टिकट बंटवारे में माकन ने सिर्फ मनमानी की. इसके चलते तीन बार के विधायक अमरीश गौतम बीजेपी में चले गए. पूर्व मंत्री एके वालिया नाराज़ होकर पार्टी से इस्तीफे की पेशकश कर चुके हैं. पूर्व मंत्री हारून यूसुफ, परवेज़ हाशमी और अरविंदर सिंह लवली भी माकन से खासे नाराज हैं. लवली तो माकन पर फ़ोन तक नहीं उठाने का आरोप लगा चुके हैं. यूथ कांग्रेस और महिला कांग्रेस राहुल के घर के बाहर प्रदर्शन कर चुके हैं. इसके बाद अब राहुल गांधी हरकत में आ गए हैं. वह दिल्ली के सीनियर नेताओं के संपर्क में हैं और नाराज़गी को खत्म करने की कोशिश कर रहे हैं. फिलहाल राहुल ने सभी को एकजुट होकर चुनाव में कांग्रेस को जिताने को कहा है.
बंट चुके हैं टिकट
राहुल का कहना है कि अब तो टिकट बंट चुके हैं. संसद परिसर में जब राहुल से पूछा गया कि दिल्ली कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है, क्या कहेंगे? जिस पर राहुल ने जवाब दिया कि हम सभी से बात कर रहे हैं, उम्मीद है जल्दी ही हम सब सुलझा लेंगे. इससे साफ होता है कि राहुल मान रहे हैं कि दिल्ली कांग्रेस में कलह चल रही है. हालांकि राहुल ने ये भी कहा कि हमको एमसीडी चुनाव में पार्टी के बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है. राहुल कुछ भी कहें , अब तो नतीजें बताएंगे कि वह दिल्ली का मसला सुलझा पाए या फिर दिल्ली ने भी कांग्रेस के लिए उत्तराखंड की राह पकड़ ली.
5th April, 2017