केंद्र सरकार राज्यसभा में सोमवार को उस समय शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा जब प्रश्नकाल के दौरान संबंधित मंत्री एक सवाल का जवाब देने के लिए सदन में मौजूद ही नहीं थे। इस मौके पर राज्यसभा के सभापति और उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने कहा कि कई सालों में यह देखने को नहीं मिला और ये 'असाधारण स्थिति' है। मैंने इसे 10 साल और इससे पहले भी ऐसी स्थिति नहीं देखी है।
कांग्रेस के सदस्य महेंद्र सिंह महरा ने प्रश्नकाल के दौरान पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री से दिल्ली-एनसीआर में हवा और ध्वनि प्रदूषण को लेकर सवाल उठाया था। यह सवाल सूचीबद्ध सवाल भी था। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मंत्री की गैरहाजिर पर सवाल उठाया और सदन को बताया कि यह दूसरी बार है जब मंत्री गैरहाजिर हैं।
इसके बाद मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पर्यावरण मंत्री अनिल दवे की ओर से सवाल का जवाब देना था, लेकिन वह सदन में देरी से पहुंचे। जावड़ेकर ने सदन में देरी से पहुंचने के लिए माफी मांगी। जावड़ेकर पहले पर्यावरण मंत्री थे।
प्रश्नकाल के दौरान संबंधित मंत्री की सदन में उपस्थित न होने पर अध्यक्ष हामिद अंसरी ने कहा कि यह सबसे असामान्य स्थिति है। उन्होंने कहा कि यह संबंधित मंत्री की जिम्मेदारी है कि वह उस वक्त सदन में मौजूद रहे जब उनके मंत्रालय से संबंधित प्रश्न उठाए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि यह एक असाधारण स्थिति है और मुझे यकीन है कि संसदीय कार्य मंत्री इस पर विचार करेंगे और जवाब देंगे।
इस बीच, जावड़ेकर सदन में पहुंचे और कहा कि उन्हें देर हो गई क्योंकि वह लोकसभा में एक बिल पेश कर रहे थे। हालांकि, अंसारी ने कहा, 'प्रकाश जी', आपका सवाल पूछा जा चुका है और आप उपस्थित नहीं थे। यह एक असामान्य स्थिति है और मैंने इसे 10 साल और इससे पहले भी ऐसी स्थिति नहीं देखी है।
उन्होंने कहा कि सदन के कार्यवाही के अनुसार, जब एक सूचीबद्ध प्रश्न उठाया जाता है तो मंत्री को उपस्थित होना पड़ता है। अंसारी ने कहा कि मुझे डर है कि आप देर से थे। वहीं जावड़ेकर ने जवाब देने से पहले माफी मांगी। उन्होंने कहा कि लोकसभा में उनके मंत्रालय से संबंधित बिल पेश हो रहा था इसके चलते मैं इस सदन में देरी से आया।
11th April, 2017