युरिड मीडिया डेस्क
। भारतीय जनता पार्टी के बढ़ते कदमों को रोकने के लिए विपक्षी दलों ने खास रणनीति बनाई है। 9 सियासी दलों ने भाजपा और केंद्र की एनडीए सरकार को घेरने के लिए हाथ मिलाया है। इसके पीछे उनकी रणनीति राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर सियासी गणित मजबूत करने की है। राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्ष की अहम रणनीति समाजवादी नेता मधु लिमये की 95वें जयंती पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान विपक्ष की 9 पार्टियों ने शिरकत की। इस दौरान उन्होंने एक सुर कहा कि सभी विपक्षी दल आपसी मतभेद मिटाकर बीजेपी और आरएसएस को रोकने के लिए एक मंच पर आएं।
कार्यक्रम के दौरान एक सुर में मांग उठी कि आगामी राष्ट्रपति चुनाव पहला मंच है जहां विपक्ष की एकता की पटकथा लिखी जाएगी। कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस-समाजवादी पार्टी और कम्यूनिस्ट की राजनीतिक विचारधारा भले ही अलग-अलग हो लेकिन बीजेपी-संघ के बंटवारे और सांप्रदायिकता से बिल्कुल अलग है।
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा कि सभी प्रगतिशील ताकतें अब बीजेपी-आरएसएस से मुद्दों और विचारधारा के आधार पर मिलकर लड़ेंगी। दिग्विजय सिंह ने कहा कि विपक्ष को मोदी सरकार की नीतियों और उनके काम करने के अंदाज के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है।
जेडीयू नेता शरद यादव ने इस मौके पर कहा कि बीजेपी के खिलाफ विपक्ष की एकजुटता संसद से लेकर सड़क तक नजर आनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि एनडीए सरकार के दौरान जम्मू-कश्मीर और उत्तर पूर्व से दक्षिण तक हालात बेहद गंभीर हुए हैं। बीजेपी-आरएसएस हर जगह अपनी विचारधारा थोपने की कोशिश कर रहे हैं।
इस मौके पर सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि एनडीए सरकार की नीतियां संवैधानिक नीतियों को चुनौती देती नजर आती हैं। उन्होंने कहा कि विपक्षी पार्टियां आगामी राष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त तौर से एक मंच बनाएंगी, जिससे बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए को करारी टक्कर दी जा सके।
2nd May, 2017