नई दिल्ली: भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा फांसी की सज़ा सुनाए जाने के मुद्दे को लेकर हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय पंचाट (अंतरराष्ट्रीय न्यायालय या इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस या आईसीजे) में सोमवार को भारत और पाकिस्तान आमने-सामने होंगे. गौरतलब है कि इस मुद्दे की वजह से दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों में खटास बढ़ गई है. इससे पहले दोनों देश लगभग 18 साल पहले संयुक्त राष्ट्र की इस शीर्ष अदालत में आमने-सामने आए थे, जब पाकिस्तान ने उसके नौसैनिक विमान को मार गिराए जाने के मामले में हस्तक्षेप का आग्रह किया था. सोमवार को मामले की सुनवाई नीदरलैंड (हॉलैंड) के शहर हेग में स्थित पीस पैलेस के ग्रेट हॉल ऑफ जस्टिस में होगी.
- भारत ने पिछले सप्ताह अंतरराष्ट्रीय पंचाट में अपील कर पाकिस्तानी अदालत द्वारा पूर्व भारतीय नौसैनिक अधिकारी कुलभूषण जाधव को सुनाई गई फांसी की सज़ा को चुनौती दी थी. भारत की अपील के बाद पाकिस्तान से सज़ा को मुल्तवी कर देने के लिए कहा गया था.
- भारत ने मांग की थी कि कुलभूषण जाधव के मृत्युदंड को तुरंत स्थगित किया जाए, तथा पाकिस्तानी अदालत सज़ा को अपने ही कानून के तहत रद्द करे. भारत के अनुसार, यदि ऐसा नहीं किया गया, तो इसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक गैरकानूनी घोषित किया जाना चाहिए.
- अंतरराष्ट्रीय पंचाट में भारत का पक्ष रखने का दायित्व वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे को सौंपा गया है. भारत यह भी कहेगा कि कुलभूषण जाधव से राजनयिक मुलाकात करने देने के भारतीय आग्रहों को 16 बार ठुकराकर पाकिस्तान ने विएना समझौते का उल्लंघन किया है.
- वर्ष 1971 से अब तक भारत ने पाकिस्तान से जुड़े किसी भी मामले के लिए अंतरराष्ट्रीय पंचाट की शरण नहीं ली थी, लेकिन इस बार भारत का कहना है कि एक भारतीय नागरिक की ज़िन्दगी दांव पर लगी होने के चलते उनके पास कोई विकल्प शेष नहीं रह गया था.
- पाकिस्तान की ओर से अंतरराष्ट्रीय पंचाट में यह तर्क दिए जाने की संभावना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा होने के कारण यह मामला अंतरराष्ट्रीय पंचाट के अधिकार-क्षेत्र से बाहर है.
- एक-दिवसीय सुनवाई में डेढ़-डेढ़ घंटे के दो सत्र होंगे, जो भारत के पाकिस्तान के अनुसार अपना-अपना पक्ष रखने का अवसर होंगे. सुबह के सत्र में भारत अपनी बात कहेगा, जबकि दोपहर बाद के सत्र में पाकिस्तान को अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा.
- 46-वर्षीय कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान द्वारा पिछले साल मार्च में गिरफ्तार किया गया था, तथा पाक सैन्य अदालत ने जाधव को जासूसी करने तथा विध्वंसक गतिविधियों में लिप्त होने का दोषी करार दिया था. भारत का कहना है कि भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त हो चुके कुलभूषण जाधव को ईरान से अगवा किया गया था, जहां वह व्यापार कर रहे थे.
- अंतरराष्ट्रीय पंचाट में दोनों देशों का आमना-सामना पिछली बार तब हुआ था, जब पाकिस्तानी नौसैनिक जासूसी विमान 'अटलांटिक' को भारतीय वायुसेना ने अगस्त, 1999 में कच्छ क्षेत्र में मार गिराया था, जिसमें विमान में सवार सभी 16 नौसैनिक अधिकारी मारे गए थे.
- पाकिस्तान का दावा था कि विमान उन्हीं की वायुसीमा में था, इसलिए भारत से छह करोड़ अमेरिकी डॉलर की क्षतिपूर्ति की मांग की गई थी. भारत ने तर्क दिया था कि यह घटना अंतरराष्ट्रीय पंचाट के अधिकार क्षेत्र से बाहर है, और इसके लिए पाकिस्तान 'अकेला ज़िम्मेदार' है, तथा उसे ही 'अपनी हरकतों के परिणाम खुद भुगतने होंगे...'
- वर्ष 2000 में चार दिन की सुनवाई के बाद 16 जजों की बेंच ने 14-2 की वोटिंग से पाकिस्तान के दावे को खारिज कर दिया था, और कहा था कि '10 अगस्त, 1999 की हवाई घटना (भारत और पाकिस्तान)' वाला केस उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर है.
15th May, 2017