दलितों का नेता बनने के लिए लिखी सहारनपुर हिंसा की स्क्रिप्ट
सहारनपुर। 9 मई को सहारनपुर में भड़की जातीय हिंसा की स्क्रिप्ट भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण ने लिखी थी। दलितों का नेता बनने के लिए उसने ऐसी साजिश रची थी। पुलिस के एक आला अधिकारी ने रावण से पूछताछ के आधार पर यह खुलासा किया है।
जून में भी थी हिंसा भड़काने की साजिश
गुरुवार देर रात चंद्रशेखर को कोर्ट में पेश करने से पहले पुलिस ने अंबहेटा में गुप्त स्थान पर उससे करीब तीन घंटे पूछताछ की। रावण ने बताया, जून माह के दूसरे सप्ताह में भी सहारनपुर में हिंसा भड़काने की साजिश होशियारपुर में चल रही थी।
आला अफसर के मुताबिक, रावण ने बताया कि वह स्वयं तो गैर राज्य में रहा, लेकिन खून की होली खिलवाने का रिमोट उसके हाथ में ही था।इसके लिए रावण ने हथियारों की बड़ी खेप का इंतजाम भी किया था। ऐसा उसने सिर्फ दलितों का नेता बनने के लिए किया।
9 मई की घटना के बाद रावण सीधे दिल्ली पहुंचा, जहां पर वह नवाब सतपाल तंवर के संपर्क में आया। साजिश को परवान चढ़ाने के लिए रुपए एकत्र करने की रूपरेखा भी तंवर के साथ मिलकर बनाई गई।
23 मई को शब्बीरपुर की घटना के बाद सहारनपुर के रामगढ़ के रहने वाले राजन, लाडवा गांव के कदम सिंह को गांव में अफवाहें फैलाने की जिम्मेदारी सौंपी गई। अफसर के मुताबिक, राजन व कदम ने ही रावण के इशारे पर 9 मई को एडीएम प्रशासन व सीओ की पिटाई की थी।
राजनैतिक कनेक्शन पर चुप है रावण
अफसर के मुताबिक, भीम आर्मी के मुखिया से उसके राजनीतिक आका के बारे में पूछा गया तो उसने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। बोला, वह अपने समाज का नेता है। विभिन्न दलों के नेता उसके इशारे पर नाचते हैं। वह खुद की पहचान बनाने में लगा था। इसके लिए उसने सहारनपुर में जातीय हिंसा को हवा दी।
रावण ने पूछताछ में किए कई राजफाश: एसएसपी
एसएसपी बबूल कुमार ने कहा- रावण ने पूछताछ में कई राजफाश किए हैं। भीम आर्मी के जिन पदाधिकारियों के नाम उसने हिंसा कराने में लिए हैं, उनमें राजन, कदम, प्रवीण, दीपक, कमल जेल जा चुके हैं, जबकि विनय, रतन व मंजीत पर 12 हजार का इनाम घोषित किया जा चुका है। शीघ्र ही रावण को भी रिमांड पर लिया जाएगा।
आला अफसर के मुताबिक, रावण ने बताया कि वह स्वयं तो गैर राज्य में रहा, लेकिन खून की होली खिलवाने का रिमोट उसके हाथ में ही था।इसके लिए रावण ने हथियारों की बड़ी खेप का इंतजाम भी किया था। ऐसा उसने सिर्फ दलितों का नेता बनने के लिए किया।
9 मई की घटना के बाद रावण सीधे दिल्ली पहुंचा, जहां पर वह नवाब सतपाल तंवर के संपर्क में आया। साजिश को परवान चढ़ाने के लिए रुपए एकत्र करने की रूपरेखा भी तंवर के साथ मिलकर बनाई गई।
10th June, 2017