राजधानी में हसनगंज एरिया में रविवार सुबह से लापता किशोरी की अज्ञात दरिंदों ने रेप के बाद हत्या कर दी और लाश को 8 नंबर चौराहा स्थित कार बाजार में बिक्री के लिये खड़ी कार में फेंककर फरार हो गए। सोमवार दोपहर कार में बच्ची की लाश पड़ी मिलने पर हड़कंप मच गया। लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने लाश को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया। फिलवक्त पुलिस ने एक संदिग्ध को कस्टडी में लिया है और उससे पूछताछ की जा रही है।
दूध खरीदने निकली थी
हसनगंज के बाबूगंज निवासी राजेश कुमार बेंगलुरु में कारपेंटर का काम करते हैं। यहां उनकी पत्नी अर्चना (सभी नाम काल्पनिक) तीन बेटियों और दो बेटों के साथ किराये का मकान लेकर रहती हैं। अर्चना और मंझली बेटी आठ वर्षीया सीमा (बदला नाम) विभिन्न घरों में बर्तन मांजने का काम करती हैं। अर्चना के मुताबिक, रविवार सुबह करीब 10 बजे सीमा ने उनसे पांच रुपये लिये और दूध लाने की बात कहकर घर से निकल गई। कुछ देर बाद अर्चना भी काम करने के लिये घर से निकल गई। काम करके वापस लौटी अर्चना ने देखा कि सीमा वापस नहीं लौटी तो उसने तलाश शुरू की। पर, उसका कोई सुराग नहीं लग सका।
जबरन पहनाए गए कपड़े
अर्चना और उसके सभी बच्चे रविवार देररात तक सीमा को तलाशते रहे लेकिन, उसका पता न चल सका। इधर, सोमवार दोपहर करीब 12 बजे हसनगंज के ही 8 नंबर चौराहा स्थित बेस्ट डील कार बाजार में बिक्री के खड़ी स्विफ्ट डिजायर कार (यूपी78सीडी/4794) की पिछली सीट पर लोगों ने बच्ची की लाश पड़ी देखी। बच्ची के शरीर पर काले रंग की लेगिंग और हरे रंग का कुर्ता मौजूद था, हालांकि कपड़े देखकर साफ मालूम पड़ रहा था कि उन्हें उसके शरीर पर जबरन पहनाया गया है। गर्मी की वजह से उसके शरीर में छाले पड़ चुके थे और शव भी फूल गया था। लोगों ने आनन- फानन इसकी सूचना पुलिस को दी।
थाने पहुंचने पर पता चला
जानकारी मिलने पर एसएसपी दीपक कुमार, एसपी ट्रांसगोमती हरेंद्र कुमार, सीओ महानगर विशाल विक्रम सिंह और इंस्पेक्टर हसनगंज मौके पर पहुंचे और शव को पोस्टमार्टम के लिये भिजवाया। इसी बीच अर्चना बेटी की गुमशुदगी दर्ज कराने हसनगंज थाने जा पहुंची। उसने बेटी का हुलिया और कपड़ों के बारे में बताया। जो कि कार में मिली लाश से मेल खा रहा था। जिसके बाद पुलिस अर्चना को लेकर मच्र्युरी पहुंची। जहां उसने मृतका की शिनाख्त बेटी सीमा के रूप में की।
सफाई कर्मचारी हिरासत में
सीओ विशाल विक्रम सिंह के मुताबिक, बच्ची की मां ने बताया कि तीन दिन पहले भी सीमा इसी तरह लापता हो गई थी। वह उसे तलाशते हुए बेस्ट डील कार बाजार पहुंची तो सीमा एक कार में बंद थी। अर्चना ने उसे बाहर निकलवाया और पूछताछ की। सीमा ने मां को बताया था कि कार बाजार के सफाईकर्मी राहुल वाल्मीकि ने उसे टॉफी देने के बहाने कार में बिठाया और बंद कर दिया। सीओ ने बताया कि अर्चना से यह जानकारी मिलने पर राहुल वाल्मीकि को कस्टडी में ले लिया गया है और पूछताछ की जा रही है।
चार साल से खड़ी है कार
पड़ताल में पता चला कि जिस स्विफ्ट डिजायर कार में बच्ची की लाश बरामद हुई वह बीते चार साल से वहां पर खड़ी है। कार बाजार मालिक डालीगंज निवासी रोहित जायसवाल ने पुलिस को बताया कि यह कार कानपुर निवासी अनुराग पांडेय की है। उसने यह कार कोटक महिंद्रा बैंक से फायनांस करा रखी थी। कार पर 1.25 लाख रुपये का लोन बकाया था। लेकिन, अनुराग ने रोहित के किसी परिचित के माध्यम से यह कार उन्हें बेच दी। रोहित ने बताया कि जब उन्होंने यह कार किसी दूसरे ग्राहक को बेचने की कोशिश की तो लोन के बारे में जानकारी हुई। इसके बाद से वह लगातार अनुराग से बैंक की एनओसी के लिये कह रहे थे लेकिन, उसने लोन चुकाकर एनओसी नहीं दी।
13th June, 2017