यूरिड मीडिया डेस्क
-भारत के 13वें राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए प्रक्रिया आज से औपचारिक तौर पर शुरू हो जाएगी, क्योंकि निर्वाचन आयोग 14 जून को अधिसूचना जारी कर देगा, जिसके साथ ही 17 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए नामांकन का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।
नामांकन की अंतिम तिथि 28 जून, नामांकन पत्रों की जांच की तिथि 29 जून तथा नाम वापसी की अंतिम तिथि एक जुलाई है। मतदान 17 जुलाई को तथा मतगणना 20 जुलाई को होगी।
इस बीच बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी तीन सदस्यीय मंत्रिस्तरीय समिति का गठन किया है। इसका एजेंडा भी विभिन्न दलों के साथ संपर्क कर सर्वसम्मत उम्मीदवार की तलाश और उस पर सहमति बनाना ही है।
दस सदस्य शामिल...
दूसरी तरफ राष्ट्रपति चुनाव पर बढ़ते सियासी पारे के बीच विपक्षी दलों की आज अहम बैठक होने जा रही है। जिसमें सरकार के संभावित दांवों का जवाब देने की रूपरेखा पर चर्चा होगी और सहमति से उम्मीदवार का नाम तय किया जाएगा। इस बैठक में कांग्रेस की ओर से गुलाम नबी आजाद और मल्लिकार्जुन खडग़े, एनसीपी के शरद पवार, टीएमसी के डेरेक ओब्रायन, जदयू के शरद यादव, राजद के लालू प्रसाद, वामदलों की ओर से सीताराम येचुरी समेत दस सदस्य शामिल होंगे।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों में पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के नामों पर चर्चा की जा रही है।
मतगणना 20 जुलाई को...
बता दें कि चुनाव आयोग ने पिछले हफ्ते ही अगले राष्ट्रपति के चुनाव के लिए 17 जुलाई का एलान किया था और मतगणना 20 जुलाई को कराने का एलान हुआ है। देश के मौजूदा 13वें राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। जबकि अगले उपराष्ट्रपति का कार्यकाल अगस्त के अंत में समाप्त हो रहा है।
लोकसभा, राज्यसभा तथा दिल्ली व पुदुच्चेरी सहित सभी राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य चुनाव में हिस्सा लेने के पात्र हैं। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है।
निर्वाचक मंडल लोकसभा, राज्यसभा, दिल्ली व पुदुच्चेरी सहित सभी राज्यों के विधानसभा के सदस्यों को मतदान करने के लिए एक विशेष कलम दिया जाएगा और किसी अन्य कलम के इस्तेमाल से वोट अमान्य हो जाएगा।
50 प्रस्तावकों और 50 अनुमोदकों के हस्ताक्षर युक्त नामांकन ..
राष्ट्रपति चुनाव गुप्त मतदान के माध्यम से होगा और राजनीतिक पार्टियां अपने विधायकों या सांसदों को किसी तरह का व्हिप जारी नहीं कर सकते हैं।
राष्ट्रपति चुनाव एकल हस्तांतरणीय वोट के माध्यम से आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार किया जाता है। प्रत्येक उम्मीदवार को 50 प्रस्तावकों और 50 अनुमोदकों के हस्ताक्षर युक्त नामांकन पत्र जमा करने होंगे।
सुचारू रूप से चुनाव कराने के लिए दिल्ली तथा पुदुच्चेरी के अलावा, सभी राज्यों की राजधानी में असिस्टेंट रिटर्निग ऑफिसर की नियुक्ति की जाएगी। उम्मीदवार को मतदान स्थल पर अपना एक प्रतिनिधि तैनात करने की अनुमति होगी।
सांसद दिल्ली स्थित संसद भवन में तथा विधायक अपने राज्य की विधानसभाओं में मतदान करेंगे, लेकिन आपातकाल में वह निर्वाचन आयोग को बताने के बाद दूसरे मतदान केंद्र पर भी मतदान कर सकते हैं।