नई दिल्ली। गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स (जीएसटी) पर देशभर में 1 जुलाई से अमल होने जा रहा है। इसके लिए शुक्रवार आधी रात को पार्लियामेंट का ज्वाइंट सेशन बुलाया जा रहा है। आजाद भारत के इतिहास में यह चौथा मौका होगा जब पार्लियामेंट के सेंट्रल हॉल में मिडनाइट सेशन लगेगा। इससे पहले तीनों मौकों पर आजादी के जश्न के लिए आधी रात को संसद बुलाई गई थी। उधर, जीएसटी के खिलाफ भारतीय उद्योग और बाजार मंडल ने शुक्रवार को देशभर में दुकानें बंद रखने का एलान किया है।
1— इस बार आधी रात को सेशन क्यों?
1991 में जब देश में इकोनॉमिक रिफॉर्म्स हुए थे, उसके बाद यह पहला मौका है जब देशभर में गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स लागू होने के रूप में ऐसा दूसरा रिफॉर्म होने जा रहा है। इस मौके को खास बनाने के लिए मोदी सरकार ने पार्लियामेंट के ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल में स्पेशल सेशन बुलाने का फैसला लिया।
इस प्रोग्राम के लिए सभी सांसद, सभी राज्य सरकारों के वित्त मंत्री और शुरू से लेकर अब तक एम्पावर्ड मीटिंग के मेंबर्स रहे लोगों को न्योता दिया गया है।
2— इस दौरान क्या होगा?
रात 11.00 बजे से शुरुआत होगी। पहले प्रणब मुखर्जी और फिर नरेंद्र मोदी की स्पीच होगी। रात ठीक 12 बजे घंटी बजने के साथ ही जीएसटी लागू करने का एलान होगा।
3— कौन कर रहा है विरोध?
देवगौड़ा के साथ सरकार ने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को भी मंच साझा करने का न्योता दिया था। लेकिन कांग्रेस ने इस इवेंट का बायकॉट कर दिया है। कांग्रेस का कहना है कि सेंट्रल हॉल में आधी रात को होने वाला समारोह तमाशा है। यह आजादी के आंदोलन का अपमान है। अब तक सेंट्रल हॉल में आजादी का जश्न ही मनाया जाता रहा है। कांग्रेस के अलावा सपा, तृणमूल, डीएमके और लेफ्ट ने भी स्पेशल सेशन के बायकॉट का एलान किया है।
4— पहले कब-कब आधी रात को सेंट्रल हॉल में चली संसद?
14 अगस्त 1947: तब सेंट्रल हॉल को कॉन्स्टिट्यूशन हॉल कहा जाता था। देश को आजादी मिलने वाली थी। आधी रात को स्पेशल सेशन बुलाया गया। पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद चेयर पर बैठे। सबसे पहले वंदे मातरम गाया गया। इसके बाद राष्ट्रपति और फिर पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने स्पीच दी।
14 अगस्त 1972:आजादी मिले 25 साल पूरे हुए। इस मौके पर भी संसद का मिडनाइट सेशन बुलाया गया। तब वीवी गिरी राष्ट्रपति थे। इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं।
14 अगस्त 1997: आजादी की 50वीं सालगिरह (गोल्डन जुबली) के मौके पर मिडनाइट सेशन बुलाया गया। इंद्र कुमार गुजराल पीएम थे। केआर नारायणन राष्ट्रपति थे।
5— आखिर क्या है GST, जिसके लिए हो रहा है इतना बड़ा इवेंट?
जीएसटी का मतलब गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स है। इसको केंद्र और राज्यों के 17 से ज्यादा इनडायरेक्ट टैक्स के बदले में लागू किया जाएगा। इससे एक्साइज ड्यूटी, सेंट्रल सेल्स टैक्स (सीएसटी), स्टेट के सेल्स टैक्स यानी वैट, एंट्री टैक्स, लॉटरी टैक्स, स्टैम्प ड्यूटी, टेलिकॉम लाइसेंस फीस, टर्नओवर टैक्स, बिजली के इस्तेमाल या बिक्री और गुड्स के ट्रांसपोर्टेशन पर लगने वाले टैक्स खत्म हो जाएंगे।
यह वन नेशन, वन टैक्स के कॉन्सेप्ट पर काम करेगा।
6— 17 साल बाद कैसे मिली कामयाबी?
1999 में अटल बिहारी सरकार में जीएसटी लागू करने पर विचार किया गया। वाजपेयी ने आर्थिक सलाहकार समिति के साथ मीटिंग में इसकी चर्चा की, लेकिन तब से इसे लागू करने में अड़चनें आती रहीं। 2014 में मोदी सरकार ने इसे लागू करने का फैसला किया और राज्यों की सहमति के बाद इस संसद के दोनों सदनों में जीएसटी बिल पास कर दिया गया।
7— कितने तरह के जीएसटी हैं और इनके मायने क्या हैं?
सीजीएसटी यानी सेंट्रल जीएसटी- इसे केंद्र सरकार वसूलेगी। एसजीएसटी यानी स्टेट जीएसटी- इसे राज्य सरकार वसूलेगी। आईजीएसटी यानी इंटिग्रेटेड जीएसटी, अगर कोई कारोबार दो राज्यों के बीच होगा तो उस पर यह टैक्स लगेगा। इसे केंद्र सरकार वसूलकर दोनों राज्यों में बराबर बांट देगी। यूनियन टेरेटरी जीएसटी- यूनियन गवर्नमेंट द्वारा एडिमिनिस्ट्रेट किए जाने वाले गुड्स, सर्विस या दोनों पर लगेगा। इसे सेंट्रल गवर्नमेंट ही वसूलेगी।
8— किस राज्यों में जीएसटी लागू नहीं हाेगा?
जम्मू-कश्मीर को छोड़ पूरे देश में यह लागू हो जाएगा।
9— दुनिया के कितने देशों में है जीएसटी?
जीएसटी 150 देशों में लागू हो चुका है। लेकिन रेट अलग-अलग हैं। जापान में 5%, सिंगापुर में 7%, जर्मनी में 19%, फ्रांस में 19.6% है। स्वीडन में 25%, ऑस्ट्रेलिया में 10%, कनाडा में 5%, न्यूजीलैंड में 15% और पाकिस्तान में 18% तक है।
10— यूपीए ने 2006-07 के बजट में पहली बार किया था जिक्र
जीएसटी का विचार करीब 30 साल पुराना है। हालांकि, इसका जिक्र सबसे पहले 2003 में केलकर टास्क फोर्स की रिपोर्ट में हुआ था। 2006-07 के बजट में पहली बार यूपीए सरकार ने जीएसटी का प्रस्ताव शामिल किया था। 1 अप्रैल, 2010 से देशभर में जीएसटी लागू करने की बात कही गई थी। 2011 में प्रणब मुखर्जी ने वित्त मंत्री रहते हुए इसे संसद में पेश किया था।
GST से आपकी जेब पर कितना होगा असर?
0% जीएसटी
खुला अनाज, ताजी सब्जियां, बिना मार्का आटा, बिना मार्का मैदा, बिना मार्का बेसन, गुड़, दूध, अंडे, दही, लस्सी, खुला पनीर, बिना मार्का नैचुरल शहद, प्रसाद, खजूर का बना गुड़, नमक, काजल, फूल झाड़ू, बच्चों की ड्रॉइंग की किताबें, एजुकेशन सर्विसेस और हेल्थ सर्विसेस पर जीएसटी लागू नहीं होगा।
5% जीएसटी
चीनी, चाय पत्ती, कॉफी के भुने दाने, स्किम्ड दूध पाउडर, बच्चों का मिल्क फूड, पैक्ड पनीर, काजू, किशमिश, पीएसडी केरोसीन, एलपीजी, जूते-चप्पल (500 रुपए तक), कपड़े (1000 रुपए तक), अगरबत्ती, कॉयर मैट, चटाई और फ्लोर कवरिंग जैसी चीजें।
12% जीएसटी
मक्खन, घी, बादाम, फ्रूट जूस, पैक्ड नारियल पानी, सब्जी, फल, नट्स, पौधों के पार्ट्स से बने प्रोडक्ट्स जैसे अचार, मुरब्बा, चटनी, जैम और जेली, छाता, मोबाइल जैसी चीजें।
18% जीएसटी
हेयर ऑयल, टूथपेस्ट, साबुन, पास्ता, कॉर्नफ्लैक्स, सूप, आइसक्रीम, टॉयलेट्रीज, कम्प्यूटर, प्रिंटर जैसी चीजें।
28% जीएसटी
एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, च्विइंगम, पान मसाला, बीड़ी, फूड बेवरेज, शेविंग क्रीम, शैम्पू, मार्बल, सीमेंट, एल्यूमिनियम के दरवाजे-खिड़कियां, कारें, टू-व्हीलर, रिस्ट वॉच, डिजिटल कैमरा जैसी चीजें।
30th June, 2017