पटना-
जदयू नेता शरद यादव के बगावती सुर को देखते हुए पार्टी ने उनपर बड़ी कार्रवाई की है। जेडीयू ने शरद यादव को राज्यसभा में पार्टी के नेता पद से हटा दिया है। इस बारे में पार्टी की तरफ से उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू को पत्र सौंपा गया है।
पार्टी ने शरद यादव की जगह आरसीपी सिंह को राज्यसभा में अपना नेता चुना है। आज जेडीयू के सात राज्य सभा सांसदों, दो लोक सभा सांसदों और राष्ट्रीय महासचिव संजय झा ने सुबह दस बजे उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू से मुलाकात कर पार्टी की ओर से पत्र सौंपा है।
इस तरह शरद यादव की राज्यसभा में नेता पद से छुट्टी कर दी गई है। आपको बता दें कि राज्यसभा में जेडीयू के दस सांसद हैं, इनमें कल अली अनवर भी निलंबित किए जा चुके हैं और अब शरद यादव पर भी पार्टी ने ये बड़ी कार्रवाई की है।
गौरतलब है कि शरद यादव इस समय नीतीश के एनडीए में शामिल होने के फैसले के खिलाफ बिहार के दौरे पर हैं और अपनी रैलियों में नीतीश के फैसले को धोखा बताने से नहीं चूक रहे हैं। हालांकि जेडीयू की ओर से उनको 19 अगस्त को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में बुलाया गया है ताकि वह अपना पक्ष रख सकें। अगर शरद यादव राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में शामिल नहीं होते हैं तो उन्हें पार्टी से निलंबित भी किया जा सकता है।
जदयू नेता ने कहा- सही फैसला जदयू नेता नीरज कुमार ने पार्टी के फैसले को सही करार देते हुए कहा है कि उनपर कार्रवाई करना जरूरी था। वो बेवजह पार्टी के खिलाफ अनाप-शनाप बयान दे रहे थे। उन्हें अपने पद की गरिमा और पार्टी की शुचिता का भी ख्याल नहीं रहा। वो दरअसल लालू यादव की भाषा बोलने लगे थे और लालू यादव के भ्रष्टाचार में उनका साथ दे रहे थे। एेसे में पार्टी नेतृत्व ने उनपर ये कार्रवाई की है, जो बिल्कुल सही है।
राजद ने कहा- नीतीश को चुकानी होगी कीमत
वहीं राजद प्रवक्ता भाई वीरेंद्र ने कहा कि जदयू को शरद यादव पर कार्रवाई करना महंगा पड़ेगा। जिस शरद यादव ने नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया था। उन्होंने कहा कि जदयू की स्थापना के काल से ही पार्टी के सदस्य हैं और पार्टी के लिए उन्होंने इतना कुछ किया है। एेसे में उनपर इस तरह की कार्रवाई नीतीश कुमार को महंगी पड़ेगी।
वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा- हो सकती है कार्रवाई
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा है कि पार्टी शरद यादव पर अभी कोई बड़ी कार्रवाई नहीं करेगी। उन्हें निलंबित नहीं किया जाएगा, बल्कि उन्हें राज्यसभा के नेता पद से हटाकर आरसीपीसिंह को पार्टी की तरफ से राज्यसभा का नेता बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि अगर कोई नेत पार्टी विरोधी कार्य करता है तो उसपर कार्रवाई किया जाना जरूरी है। पार्टी के खिलाफ जाकर बयान देने से पार्टी की छवि धूमिल होती है।
12th August, 2017