पटना
-सीएम नीतीश कुमार ने महागठबंधन टूटने के असली कारण का पहली बार खुलासा किया। उन्होंने सोमवार को विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आप ही बताइए, अपनी पार्टी को डूबा देते क्या ? 15 दिन से जदयू को तोड़ने का खेल चल रहा था। ऐसी स्थिति में महागठबंधन सरकार चलाना असंभव हो गया था।
उन्होंने कहा कि हमने तो उनसे (लालू)यही कहा था कि पूरे मामले को एक्सप्लेन कर दीजिए। पर उन्होंने ऐसा नहीं किया और जोड़-तोड़ में लग गये। वे बात-बात में दावा करने लगते हैं। पर 22 विधायक (2010 के विधानसभा चुनाव में) पर पहुंच गये थे, यह भूल जाते हैं। पत्रकारों ने उनसे पूछा था कि महागठबंधन से अलग होने की नौबत क्यों आई?
भाजपा के साथ आने पर कहा कि देश की सरकार मजबूत होनी चाहिए। हम दुश्मनों से घिरे हुए हैं। शरद यादव के मसले पर कहा कि वो वोलेंटरी छोड़ेंगे तब भी सदस्यता जाएगी। उन्होंने दूसरी पार्टी के मंच पर चढ़ पार्टी विरोधी काम किया है। सदस्यता जाना तय है। इसे परिणति तक ले जाएंगे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि धरती पर कोई चाहकर भी सृजन घोटाले की जांच को लेकर कोई दबाव नहीं बना सकता। यह मामला तो कंप्लीट फर्जीवाड़े का है। सरकार का जो पैसा डूबा है उसकी वापसी के लिए वह अंतिम दम तक लड़ेगी। विधानसभा स्थित अपने कक्ष में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री ने ये बातें कहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से खाते के ट्रांजैक्शन की बात सामने आयी है उसे देखकर हम तो अचंभित हैं। जांच तो एक-एक बिंदु पर होगी। खाते से फर्जी तरीके से पैसे का फ्लो हुआ है। चेक के पीछे यह लिखा है कि ये पैसा सृजन के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाए।
डीएम ने चेकबुक के लिए अनुरोध भी नहीं भेजा और चेकबुक जारी हो गई। गैरकानूनी शब्द भी इसके लिए अपर्याप्त है। जैसे ही मुझे इस घोटाले की जानकारी मिली मैं खुद इसे पब्लिक डोमेन में ले लाया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच के क्रम में आर्थिक अपराध इकाई ने तो आयकर और ईडी सभी को लिख दिया है। जांच के दौरान यह बात सामने आयी कि पैसा कहां-कहां भेजा इसका दायरा बड़ा है। इसे ध्यान में रख यह सोचा गया कि कोई बड़ी एजेंसी ही इसकी जांच कर सकती है।
मुख्यमंत्री ने साफ-साफ कहा कि इस घोटाले में चाहे जिसकी भी संलिप्तता सामने आये, वह बचेगा नहीं। एक रूपया भी इधर-उधर करने पर पकड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि यह मामला तो बिहार का है पर पूरे देश के लिए सोचने की बात है। देश के स्तर पर इसके समाधान को सोचना होगा।
22nd August, 2017