नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने राज्यसभा के सांसद के रूप में शपथ ले ली है. वह पहली बार राज्यसभा के सदस्य बने हैं. उनके साथ स्मृति ईरानी ने भी संस्कृत में शपथ ली. सभापति वेंकैया नायडू ने दोनों को शपथ दिलाई. गुजरात से अमित शाह पांच बार विधायक रह चुके हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के प्रभारी के रूप में एनडीए को 73 सीटें जितवाने वाले अमित शाह को पीएम नरेंद्र मोदी ने पूरे चुनाव के लिए 'मैन ऑफ द मैच' घोषित किया था. इसके बाद अमित शाह को बीजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया.
8 अगस्त को गुजरात राज्यसभा चुनाव के लिए वोट डाले गए थे. कुल 176 वोट किए गए थे, जिनमें से 2 वोट रद्द होने के बाद 174 की काउंटिंग की गई थी. अहमद पटेल ने 44 वोट हासिल करके जीत हासिल की. अमित शाह को 46 वोट और स्मृति ईरानी को भी 46 वोट मिले थे. जबकि बलवंत सिंह राजपूत को 38 वोट मिले थे. ऐसा राज्यसभा चुनाव पहले कभी नहीं देखा गया.
जीत के बाद अहमद पटेल ने कहा कि इससे कांग्रेस में एक नई ऊर्जा, नई शक्ति आई है. कांग्रेस को बल मिला है, इससे पार्टी, संगठन को फ़ायदा होगा. मुश्किल चुनाव था, लेकिन अंत अच्छा हुआ. पूरी सरकार हमें रोकने में लगी थी, बावजूद इसके हम जीते. विधायकों का सहयोग मिला, कार्यकर्ताओं में उत्साह था. उन्होंने जीत के बाद ट्वीट भी किया- सत्यमेव जयते! ये सिर्फ मेरी जीत नहीं है, बल्कि ये धनशक्ति, बाहुबल और स्टेट मशीनरी के दुरुपयोग की करारी हार है. बीजेपी की धमकी और दबाव के बाद भी मुझे वोट करने वाले हर एक विधायक का मैं धन्यवाद करता हूं. उन्होंने एक समावेशी भारत के लिए वोट किया.
कांग्रेस ने चुनाव आयोग में शिकायत करते हुए कहा कि इन दोनों विधायकों ने अपने पोलिंग एजेंट को वोट दिखाने के बजाय बीजेपी नेताओं को दिखाया. जबकि नियमानुसार केवल अपनी पार्टी के एजेंट को ही वोट दिखाना होता है. चुनाव आयोग ने उस घटना के वीडियो फुटेज को देखने के बाद दोनों विधायकों के वोटों को अमान्य करार दिया.
ये वोट रद होने के बाद 176 विधायकों के वोटों की संख्या घटकर 174 हो गई. अब इसके बाद हर प्रत्याशी को जीतने के लिए 44 वोटों की दरकार रह गई. पहले इसके लिए 45 वोट चाहिए था. अहमद पटेल को कुल 44 वोट ही मिले थे और नए गणित के मुताबिक इन वोटों के दम पर ही वह विजयी हो गए.
25th August, 2017