मायावती का बड़ा फैसला, दो नेताओं को पार्टी विरोधी कार्य में पकड़े जाने पर..
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नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती के गिरते राजनीतिक कद को ध्यान में रखते हुए उन्होने दो दलित नेताओं को पार्टी से निकाल दिया है। इसकी मुख्य वजह दोनों नेताओं की पार्टी विरोधी गतिविधिया मानी जा रही थी।
बता दें कि अशोक कुमार रावत और उनके भाई मनीष कुमार रावत पर लगातार पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होकर पार्टी का नाम खराब करने के आरोप लग रहे थे। बीते कुछ दिनों में मनीष कुमार ने बसपा की मुखिया मायावती को उनसे पैसे मांगने का दावा किया था। मनीष ने कहा था कि मायावती ने मुझसे 20 लाख रुपये मांगे थे जैस्पर मनीष कुमार ने कहा कि मेरे पिताजी बिस्तर से उठ नहीं पा रहे। उनको सर्वाइकल है और बायपास सर्जरी करवानी है। मैंने मायवती को बोला कि मैं पैसे नहीं दे पाउंगा, शायद इसलिए ही मुझ को निकाल दिया गया। मैंने 15 साल पार्टी के लिए काम किया लेकिन अब उनके लिए मैं किसी काम का नहीं रहा।
मनीष ने आगे कहा कि बसपा में पैसे मांगने की लिमिट तोड़ी जा रही हैं इसलिए लोग उसको छोड़ रहे हैं। मनीष ने कहा नेता जो कि अभी पार्टी में हैं वे नहीं बोलेंगे लेकिन वे भी तंग आ गए हैं।
गौरतलब है कि फिलहाल मनीष कुमार ने अभी तक किसी अन्य कोई पार्टी में शामिल नहीं हुये हैं। लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि मनीष बीजेपी में शामिल हो सकते है। क्योकि मनीष कुमार के चाचा रामपाल वर्मा हरदोई के बालामऊ से भाजपा से विधायक हैं।
नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) प्रमुख मायावती के गिरते राजनीतिक कद को ध्यान में रखते हुए उन्होने दो दलित नेताओं को पार्टी से निकाल दिया है। इसकी मुख्य वजह दोनों नेताओं की पार्टी विरोधी गतिविधिया मानी जा रही थी।